बिलासपुर। हाईकोर्ट ने आज एक अहम फैसला सुनाते हुए पीएससी 2017 में डिप्टी कलेक्टर का एक पद सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं।ज्ञात हो कि पीएससी ने 2017 में राज्य सेवा के कुल 299 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें से 36 पद डिप्टी कलेक्टर के थे।
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इस परीक्षा में याचिकाकर्ता डॉ. राकेश अग्रवाल प्रतीक्षा सूची में पहले नंबर पर थे, उनका आरोप है कि हॉरीजेंटल रिजर्वेशन के नियम का सही तरीके से पालन होने पर उनका नाम मुख्य चयन सूची में होता।इसके चलते डॉ. राकेश अग्रवाल ने एडवोकेट मतीन सिद्दिकी और आशुतोष मिश्रा के जरिए हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर बताया है कि पीएससी 2017 के लिए जारी चयन सूची में उनका नाम डिप्टी कलेक्टर के लिए जारी प्रतीक्षा सूची में पहले नंबर पर था। उनका कहना है कि पीएससी ने हॉरीजेंटल रिजर्वेशन के नियम का सही तरीके से पालन किया होता तो उनका नाम मुख्य चयन सूची में होता।
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उनकी तरफ से यह भी बताया गया कि डिप्टी कलेक्टर के कुल 36 पदों में से 15 पद अनारक्षित, 4 पद अजा, 11 पद अजजा और 6 पद ओबीसी के लिए आरक्षित थे। महिला कोटा के तहत 4 पद अनारक्षित, 1 पद अजा, 3 पद अजजा और 1 पद ओबीसी वर्ग की महिला के लिए आरक्षित था। दो पद निशक्तजनों के लिए आरक्षित किया गया था। डॉ. अग्रवाल ने याचिका में कहा है कि पीएससी ने हॉरीजेंटल रिजर्वेशन के नियम का सही तरीके से पालन नहीं किया। 35वें नंबर पर निशक्त कोटे से रेखा चंद्रा का चयन अनारक्षित कोटे से किया गया है, वहीं 36वें नंबर पर संजय कुमार मरकाम का चयन भी निशक्त कोटे के तहत अनारक्षित वर्ग से ही किया गया है, जबकि उनका चयन अजजा के तहत निशक्तजन कोटे से किया जाना चाहिए था। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पी सैम कोशी की बेंच ने राज्य सरकार, पीएससी सहित अन्य को नोटिस जारी करते हुए डिप्टी कलेक्टर का एक पद सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं।
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6 hours ago