मुस्लिम महिला शिक्षिका ने तीन तलाक के अध्यादेश को दी हाईकोर्ट में चुनौती | HC on triple talaq:

मुस्लिम महिला शिक्षिका ने तीन तलाक के अध्यादेश को दी हाईकोर्ट में चुनौती

मुस्लिम महिला शिक्षिका ने तीन तलाक के अध्यादेश को दी हाईकोर्ट में चुनौती

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : December 18, 2018/5:59 am IST

जबलपुर। हाईकोर्ट में भोपाल की एक मुस्लिम महिला शिक्षिका ने तीन तलाक के अध्यादेश को चुनौती है। बता दें कि भोपाल में रहने वाली शिक्षिका समरीन जीशान सिद्दीकी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि केन्द्र सरकार ने 19 सितंबर 2018 को अध्यादेश जारी कर तीन तलाक को दंडनीय अपराध बना दिया है। साथ ही अध्यादेश में तीन तलाक देने वाले पति को तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है। हाई कोर्ट में दायर याचिका शिक्षिका समरीन जीशान के द्वारा कहा गया है कि इससे कई महिलाएं अध्यादेश का दुरूपयोग भी करेंगी। यदि कोई पत्नी तीन तलाक की झूठी शिकायत करती है तो उसके पति को तत्काल जेल भेज दिया जाएगा और ऐसे में निर्दोष व्यक्ति की जमानत भी नहीं होगी।जिसके कारण शिकायत करने वाली महिला का पति अपना पक्ष नहीं रख सकेगा।
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याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में इन सब बातो का तर्क देते हुए मांग की गई है कि तीन तलाक अध्यादेश की फिर से समीक्षा की जाए, ताकि इस अध्यादेश का दुरूपयोग न हो पाए याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले में केन्द्रीय कानून मंत्रालय, राज्य शासन और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को पक्षकार बनाया गया है। जिसके बाद चीफ जस्टिस एसके सेठ और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने सभी पक्षों को तैयारी करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है और मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी को करने के निर्देश दिए है।

 
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