नई दिल्ली। कोरोना ने दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी है। कोरोना वायरस के असर से कच्चे तेल के दाम में भी ऐतिहासिक गिरावट आई है। अमेरिका में कच्चे तेल की कीमत 77 पैसे प्रति लीटर हो गई है। साल की शुरुआत में कच्चा तेल 67 डॉलर प्रति बैरल यानी 30.08 रुपए प्रति लीटर था। वहीं 12 मार्च को जब भारत में कोरोना के मामले की शुरुआत हुई तो कच्चे तेल की कीमत 38 डॉलर प्रति बैरल यानी 17.79 रुपए प्रति लीटर हो गई। वहीं 1 अप्रैल को कच्चे तेल की कीमत गिरकर 23 डॉलर प्रति बैरल यानी प्रति लीटर 11 रुपए पर आ गई।
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इसके बावजूद दिल्ली में 1 अप्रैल को पेट्रोल का बेस प्राइस 27 रुपए 96 पैसे तय किया गया। इसमें 22 रुपए 98 पैसे की एक्साइज ड्यूटी लगाई गई। 3 रुपए 55 पैसा डीलर का कमीशन जुड़ गया और फिर 14 रुपए 79 पैसे का वैट भी जोड़ दिया गया। अब एक लीटर पेट्रोल की कीमत 69 रुपए 28 पैसे हो गई। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल भले ही सस्ता हो जाए, लेकिन आपको पेट्रोल की कीमत ज्यादा ही चुकानी पड़ती है।
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मई महीने में तेल का करार निगेटिव हो गया है। मतलब ये कि खरीदार तेल लेने से इनकार कर रहे हैं। खरीदार कह रहे हैं कि तेल की अभी जरूरत नहीं, बाद में लेंगे, अभी अपने पास रखो। वहीं, उत्पादन इतना हो गया है कि अब तेल रखने की जगह नहीं बची है। ये सबकुछ कोरोना की महामारी की वजह से हुआ है।
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गाड़ियों का चलना लगभग बंद है। कामकाज और कारोबार बंद होने की वजह से तेल की खपत और उसकी मांग भी कमी आई है। कनाडा में तो तेल के कुछ उत्पादों की कीमत माइनस में चली गई है। सोमवार को जब बाजार खुला तो अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चे तेल का भाव 10.34 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था जो 1986 के बाद इसका सबसे निचला स्तर था। इसके बाद दोपहर तक ये दो डॉलर प्रति बैरल के न्यूनतम स्तर पर आया और गिरते-गिरते 0.01 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंचा।
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3 weeks ago