नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक पत्र लिखा है, जिसमें कॉलेजियम के फैसले पर आपत्ति जताई गई है। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी को शामिल करने की सिफारिश की गई थी।
Retired judge of Delhi High Court Justice Kailash Gambhir has written to President Ram Nath Kovind, objecting to the decision of collegium which recommended elevation of Justice Sanjiv Khanna and Justice Dinesh Maheshwari to the Supreme Court pic.twitter.com/zblIFuy2rZ
— ANI (@ANI) January 16, 2019
बता दें कि न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर ने अपने पत्र में लिखा है कि 32 न्यायाधीशों की वरिष्ठता को नज़र अंदाज़ करके न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को शीर्ष न्यायालय में भेजे जाने का निर्णय गलत है। इसके लिए उन्होंने अपने पात्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि न्यायमूर्ति खन्ना दिवंगत न्यायामूर्ति एचआर खन्ना के भतीजे हैं, जिन्होंने आपातकाल के दौरान असहमति वाला एक फैसला दिया था।
इस पत्र में गंभीर ने राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए लिखा है कि जिस तरह न्यायमूर्ति एचआर खन्ना की वरिष्ठता को नजरअंदाज कर अन्य न्यायाधीश को प्रधान न्यायाधीश बनाए जाने को भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में काला दिन माना जाता है। उसी तरह 32 न्यायाधीशों की वरिष्ठता की अनदेखी करके न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को न्यायाधीश बनाया जाना एक और काला दिन होगा।