बिलासपुर-रायपुर हाइवे निर्माण को लेकर हाईकोर्ट का नोटिस, कोर्ट ने ठेका कंपनी के सीईओ को किया तलब | High court notice regarding construction of Bilaspur-Raipur highway

बिलासपुर-रायपुर हाइवे निर्माण को लेकर हाईकोर्ट का नोटिस, कोर्ट ने ठेका कंपनी के सीईओ को किया तलब

बिलासपुर-रायपुर हाइवे निर्माण को लेकर हाईकोर्ट का नोटिस, कोर्ट ने ठेका कंपनी के सीईओ को किया तलब

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : August 17, 2019/9:38 am IST

बिलासपुर। हाईकोर्ट की लगातार फटकार के बावजूद बिलासपुर-रायपुर हाइवे का काम पूरा नहीं हो पा रहा है। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा था कि किसी भी सूरत में रायपुर बिलासपुर हाइवे का काम 15 अगस्त तक पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन ठेका कंपनी के उपर तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा। लगभग 40 करोड़ का मुआवजा बढ़कर 360 करोड़ का हो गया, लेकिन हाइवे अभी भी अधूरा है।

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हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी की है कि ठेका कंपनी हाईकोर्ट को हल्के में ले रही है और फटकार लगाते हुए ठेका कंपनी पुंज एलाएड के सीईओ को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश जारी किया है।

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रायपुर से लेकर सिमगा तक 48 किमी की सड़क निर्माण के लिए 11 जनवरी 2016 को पुंज एलायड को काम मिला था। इस काम को 20 अप्रैल 2018 तक पूरा करना था। इसी तरह से सिमगा से लेकर सरगांव तक 42 किमी सड़क निर्माण के लिए एल एंड टी कंपनी को 5 मई 2016 को काम दिया गया। सरगांव से लेकर बिलासपुर तक 35 किमी सड़क का काम दिलीप बिल्डकान को दिया गया था जिसने अपना पूरा काम समय सीमा के भीतर ही पूरा कर दिया। लेकिन अभी भी पुंज एलायड और एन एंड टी कंपनी अपने अपने काम पूरे नहीं कर सके हैं। लोगों को होने वाली परेशानी को देखते हुए दुर्ग के रजत तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई और कोर्ट ने एनएचएआई, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय, राज्य शासन और निर्माण कंपनियों समेत सभी को पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

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15 जुलाई 2019 को हुई सुनवाई में ये बताया गया कि दोनों कंपनियां 31 जुलाई तक काम पूरा कर लेंगी। लेकिन हुआ नहीं, हाईकोर्ट ने ये भी कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि 15 अगस्त को लोगों को हाइवे की सौगात मिल जाएगी, लेकिन ठेका कंपनी पर हाईकोर्ट के निर्देश का कोई असर नहीं हुआ। 14 अगस्त को एक बार फिर मामले की सुनवाई हुई, लेकिन इस बार भी हाइवे का काम अधूरा ही था। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया की तरफ से ये कहा गया कि एल एंड टी कंपनी ने अपना काम पूरा कर लिया है, लेकिन पुंज एलायड का काम अभी भी अधूरा है। एनएचएआई की तरफ से ये कहा गया कि काम पूरा करने के लिए पुंज एलायड को 10 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया गया था। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि पुंज एलायड हाईकोर्ट को बहुत इजी वे में ले रहा है।

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फटकार लगाते हुए कोर्ट ने 20 अगस्त की सुनवाई में पुंज एलायड के सीईओ को कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। एनएचएआई ने ये जानकारी दी है कि धीमे काम के लिए पुंज एलायड के उपर 90 करोड़ और एलएंडटी कंपनी के उपर 10 करो़ड़ का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही कोर्ट में एक बार फिर 40 करोड़ के मुआवजे के बदले 360 करोड़ के मुआवजे के सवाल पर भी बहस हुई जिसको लेकर राज्य शासन की तरफ से जवाब पेश किया गया है और अब इस मामले में एनएचएआई को जवाब पेश करने के लिए समय दिया गया है।

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