तीन साल से लंबे वक्त से चल रहे आचार संहिता उल्लंघन के मामले में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मध्यप्रदेश हाइकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने बड़ी राहत दी है। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी रहे अंतर सिंह दरबार की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने दरबार के सभी सबूतों को नकारते हुुए विजयवर्गीय को राहत दी है, फिलहाल,इस फैसले का अध्ययन कर दरबार अगला कदम उठाने की बात कह रहे है. लेकिन विजयवर्गीय के समर्थकों में उत्साह की लहर दौड़ गई है।
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हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और महू के विधायक कैलाश विजयवर्गीय को बड़ी राहत देते हुए आचार संहिता उलंघन की याचिका को खारिज कर दिया है। 2013 के विधानसभा चुनाव में महू से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अंतर सिंह दरबार ने 20 जनवरी 2014 को कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुुए निर्वाचन शून्य करने के लिए याचिका दायर की थी।
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दरबार ने चुनाव प्रचार के दौरान मैडल,ट्राफी बाटने और पेंशनबाड़ा में आरती उतारने वाली महिलाओं को नोट देने का आरोप लगाते हुुए पांच सीडी सबूत के तौर पर पेश की थी। वहीं ,21 गवाहों ने कोर्ट में आकर गवाही दी थी। लेकिन इन सभी सबूत को नकारते हुए जस्टिस अलोक वर्मा की बेंच ने याचिका को खारीज कर दिया।
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हाइकोर्ट के फैसले को मानते हुए याचिकाकर्ता अंतर सिंह दरबार ने फैसले के अध्यन के बाद आगे का कदम उठाने की बात कहीं है। वहीं,उन्होंने ये भी माना कि कहीं ना कहीं सबूतों में कमी रह गई है। लेकिन इस लड़ाई को आगे भी जारी रखा जाएगा। आचार संहिता के इस मामले के फैसले पर सभी की नजर लगी थी..क्योंकि इस मामले में कैलाश विजयवर्गीय की साख दाव पर लगी हुई थी..लेकिन विजयवर्गीय को राहत मिलने के साथ ही उनके समर्थकों ने राहत की सांस ली है।
आपके आशीर्वाद का ही परिणाम है… pic.twitter.com/M5C2WRGA7D
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) November 3, 2017
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