बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य शासन की 2013 में बनाई गई प्रोटोकॉल लिस्ट को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए हैं कि राज्य शासन महाधिवक्ता को उचित स्थान देकर फिर से यह लिस्ट जारी करें। स्टेट बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी की डिविजन बैंच ने राज्य शासन के द्वारा जारी की गई 2013 की लिस्ट को निरस्त कर दिया है। साथ ही नई लिस्ट जारी करते हुए महाधिवक्ता को उचित जगह देने का आदेश दिया है। आदेश देने के बाद कोर्ट ने मामले को निराकृत भी कर दिया है।
स्टेट बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष कोसराम साहू और एक अन्य अधिवक्ता ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि छत्तीसगढ़ में सिर्फ 5 पदों को संवैधानिक दर्जा हासिल है, जिनमें से महाधिवक्ता एक है। वर्तमान में जेके गिल्डा महाधिवक्ता हैं। केंद्र सरकार द्वारा साल 1979 में जारी प्रोटोकॉल की लिस्ट में राज्य के महाधिवक्ताओं को 25वें नंबर पर रखा गया है और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने महाधिवक्ता को 22 वे स्थान पर रखा है। याचिका में लिस्ट में महाधिवक्ता की जगह को अपमान जनक बताया था।
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याचिका में यह भी कहा गया था कि छत्तीसगढ़ में सिर्फ पांच पदों को संवैधानिक दर्जा दिया गया है। इनमे राज्यपाल, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, मुख्यमंत्री, विधानसभा के अध्यक्ष और महाधिवक्ता शामिल हैं। आज मामले की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच ने राज्य शासन के द्वारा जारी 2013 के लिस्ट को निरस्त कर दिया है। साथ ही नई लिस्ट जारी कर महाधिवक्ता को उचित जगह देने का आदेश दिया।
वेब डेस्क, IBC24