दिल्ली में अभिभावकों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, सरकारी जमीन पर बने प्रायवेट स्कूलों में नहीं होगी फीस बढ़ोत्तरी | High relief from parents in Delhi Private schools built on government land will not increase fees

दिल्ली में अभिभावकों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, सरकारी जमीन पर बने प्रायवेट स्कूलों में नहीं होगी फीस बढ़ोत्तरी

दिल्ली में अभिभावकों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, सरकारी जमीन पर बने प्रायवेट स्कूलों में नहीं होगी फीस बढ़ोत्तरी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : April 3, 2019/3:00 pm IST

नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी में हाईकोर्ट ने स्कूल फीस बढ़ोत्तरी के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है।उच्च न्यायालय ने पेरेंटस और दिल्ली सरकार को राहत देते हुए सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट की डबल बैंच ने एकल पीठ के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसके तहत प्रायवेट स्कूलों को 7वें वेतन आयोग के सिफारिशों के तहत शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन व भत्ता देने के लिए शुल्क बढ़ाने की अनुमति दी थी।

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हाईकोर्ट की डीबी बेंच में शामिल जस्टिस एस. मुरलीधर और आई.एस. मेहता ने दिल्ली सरकार की ओर से लगाई अपील पर ये अंतरिम आदेश जारी किया है। डीबी बैंच ने कहा है कि सरकारी जमीन पर बना कोई भी प्रायवेट स्कूल अगले आदेश तक फीस नहीं बढ़ाएगा। डबल बैंच ने एकल पीठ के 15 मार्च, 2019 के फैसले पर रोक लगाते हुए ये आदेश जारी किया है। सरकार की ओर से अधिवक्ता त्रिपाठी ने बैंच को बताया कि एकल पीठ ने न सिर्फ हाईकोर्ट बल्कि सुप्रीम कोर्ट के 2004 के फैसले की गलत व्याख्या करके निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की अनुमति दे दी है। उन्होंने पीठ से एकल पीठ के आदेश और निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने पर रोक लगाने की मांग की थी।

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बता दें कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 15 मार्च, 2019 को सरकार के उस सर्कुलर को रद्द कर दिया था कि जिसके तहत निजी स्कूलों को 15 फीसदी तक फीस बढ़ाने की अनुमति दिए जाने के अपने आदेश को वापस ले लिया था। एकल पीठ ने कहा था कि सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए सरकार से पूर्व मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। इसके खिलाफ अपील में सरकार ने कहा है कि ‘हम सिर्फ सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के दो जजों के फैसले का पालन कर रहे हैं।’ साथ ही कहा है कि यदि पिछली सरकारों ने नियमों के तहत कार्रवाई नहीं की तो इस आधार पर मौजूदा सरकार को कार्रवाई करने से नहीं रोका जा सकता।