हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आज हो रहे मतदान के साथ ही इस प्रदेश के नाम एक नया इतिहास जुड़ गया है। हिमाचल प्रदेश भारत का पहला राज्य बन गया है, जहां वोटर वेरिफायड पेपर ऑडिट ट्रायल यानी वीवीपीएटी का इस्तेमाल सभी विधानसभा सीटों के लिए किया जा रहा है। वीवीपीएटी मतपत्र रहित मतदान प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए वोटर्स को फीडबैक देने का तरीका है।
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने हिमाचल के बिलासपुर में मतदान किया, नड्डा ने ये वोटिंग के बाद सोशल मीडिया पर ये फोटो शेयर की है
#HimachalElections2017 Union Minister @Nadda casts his vote at a polling booth in Bilaspur pic.twitter.com/aEA9wEwRJ8
— IBC24 (@IBC24News) November 9, 2017
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर विपक्षी दलों की ओर से चिंता जताई गई थी। चुनाव आयोग ने हालांकि ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों का खंडन करते हुए आरोपों को साबित करने की चुनौती भी दी थी। इसके साथ ही आयोग ने ये जानकारी भी दी कि उसने वीवीपीएटी खरीदने को लेकर 2014 में ही सरकार से कहा था। जब ईवीएम को लेकर हंगामा मचा तो केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 लाख से ज्यादा वीवीपीएटी मशीनों की खरीद को मंजूरी दी। अब हिमाचल प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनावों में इन मशीनों को ईवीएम से जोड़कर मतदान कराया जा रहा है।
वीवीपीएटी मशीन को ईवीएम के साथ जोड़ा जाता है। जैसे ही वोटर अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के आगे ईवीएम का बटन दबाता है, इस मशीन में वह उस प्रत्याशी का नाम भी देख सकता है, जिसे उसने वोट दिया है। वीवीपीएटी मशीन के तहत वोटर सात सेकंड तक यह देख सकता है कि उसने जो वोट किया है, वह उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसका उसने बटन दबाया है। इस मशीन के जरिए मतदाता प्रत्याशी का चुनाव चिन्ह और नाम उसकी ओर से चुनी गई भाषा में देख सकता है।
वेब डेस्क, IBC24