सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में, राहत-बचाव कार्य युध्द स्तर पर जारी, खतरे के बीच घर छोड़ने तैयार नहीं ग्रामीण | Hundreds of villages in the grip of flood Relief work continues on war footing

सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में, राहत-बचाव कार्य युध्द स्तर पर जारी, खतरे के बीच घर छोड़ने तैयार नहीं ग्रामीण

सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में, राहत-बचाव कार्य युध्द स्तर पर जारी, खतरे के बीच घर छोड़ने तैयार नहीं ग्रामीण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : September 18, 2019/4:14 am IST

भिंड । जिले में चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी का जलस्तर उदी मोड़ पर 128 मीटर को पार कर चुका है। पहले यहां का अधिकतम जलस्तर 125.4 था जिसे बढ़ाकर 127 मीटर कर दिया गया था, हालांकि अब जलस्तर इसको भी पार कर गया है। इलाके में डूब प्रभावित गांवों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर ग्रामीणों को निकाला कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। चंबल का जलस्तर बढ़ने से अभी कछपुरा एवं चौम्हो गांव भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। एनडीआरएफ एवं सेना के जवानों द्वारा इन गांव के लोगों को भी रेस्क्यू किया जा रहा है। अभी तक 2 दिन में 8 गांवों के 1500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।

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रेस्क्यू में सबसे बड़ी परेशानी ये है कि लोग अपना घर-बार छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। जिसको देखते हुए प्रशासन ने प्राथमिकता के तौर पर वृद्धों, महिलाओं एवं बच्चों को रेस्क्यू किया है। पुरुष अभी भी गांव में ही रुक कर अपने घरों की सुरक्षा में लगे हुए हैं। चंबल नदी का जल स्तर 128 मीटर पहुंच चुका है ऐसे में प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं ।

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प्रशासन डूब प्रभावित गांवों को चिन्हित कर वहां से भी लोगों को रेस्क्यू कर रहा है। अभी तक कुल एक हजार पांच सौ लोगों को पुलिस, सेना एवं एनडीआरएफ की टीमों के द्वारा रेस्क्यू किया जा चुका है। सेना की रेस्क्यू टीम की अगुवाई कर रहे बी लांबा का कहना है की बीहड़ी क्षेत्र होने से की वजह से रेस्क्यू में परेशानी आ रही हैं। इलाके में सघन झाड़ियां होने की वजह से मोटर बोट को मैनुअली चलाना पड़ रहा है, इससे रेस्क्यू में अधिक टाइम लग रहा है। चारों तरफ पानी भरे होने से रास्ता तलाशना भी परेशानी का सबब बन रहा है।

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