मेरे दिल में दो-दो मांओं का प्रेम, तभी तो मैं मामा हूं- शिवराज | I love the love of two mothers in my heart

मेरे दिल में दो-दो मांओं का प्रेम, तभी तो मैं मामा हूं- शिवराज

मेरे दिल में दो-दो मांओं का प्रेम, तभी तो मैं मामा हूं- शिवराज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : October 23, 2017/11:49 am IST

 

 

वॉशिंगटन, अमेरिका। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उनके राज्य में हर बेटी लखपती है, वो लाडली लक्ष्मी है। शिवराज चौहान ने अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर लिखा है कि उनके दिल में बेटियों के लिए दो-दो मांओं का प्रेम है, इसीलिए लोग उन्हें मामा कहते हैं। शिवराज सिंह ने कहा कि गरीब कल्याण उनके लिए केवल एक स्लोगन नहीं है, बल्कि एक मिशन है और 2022 तक भारत में कोई भी ऐसा गरीब नहीं रहेगा, जिसके पास खुद का घर नहीं रहेगा। 

अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास में भारतीय समुदाय के लोगों को भारत और मध्यप्रदेश की प्रगति के संबंध में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत को एक स्वाभिमानी देश बनाया है,  जिसपर सभी भारतीयों को गर्व है। उन्होंने कहा-‘हमने मध्यप्रदेश में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नदियों को जोड़ने के ड्रीम प्रोजेक्ट पर फ़ोकस किया है।

 

मेरा विज़न है कि मध्यप्रदेश के एक-एक इंच पर सिंचाई का पानी उपलब्ध हो, जिससे मेरे किसान भाइयों को कभी परेशानी ना हो। औद्योगिकरण के मामले में भी मध्यप्रदेश देश का हृदय प्रदेश बन कर उभरा है, क्योंकि हम हृदय से चाहते है कि प्रदेश का विकास हो। मध्यप्रदेश ने पर्यावरण के मामले में भी बहुत काम किया है, नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान हम ने नदी के दोनों तटों पर फलदार वृक्ष लगाये हैं। यह समय भारत-अमेरिका की मित्रता का स्वर्णकाल है और भारतीय-अमेरिकी कम्यूनिटी का उसमें बहुत बड़ा हाथ है।‘ 

 

शिवराज सिंह चौहान ने अमेरिका में भारत के राजदूत श्री नवतेज सरना के साथ वाशिंगटन डी.सी. में हुई अपनी मुलाकात को बहुत ऊर्जादायी बताया और इस मुलाकात की तस्वीरें शेयर की।

इससे पहले, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री Shivraj Singh Chouhan ने National Museum of American History का भी दौरा किया, जिसकी कुछ तस्वीरें Twitter पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा है- प्रथम एवं द्वितीय विश्वयुद्ध के भयावह दृश्यों को देख हृदय में कंपन आ जाता है। युद्ध कैसा भी हो, कभी अच्छा नहीं हो सकता।

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उन्होंने वाशिंगटन डी.सी. स्थित नेशनल म्यूज़ियम ऑफ अमेरिकन हिस्ट्री का भ्रमण कर अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रथम एवं द्वितीय विश्वयुद्ध के भयावह दृश्यों को देख हृदय कंपित हो उठा।

अमेरिका तेज़ी से युद्ध के भयावह परिणामों से बाहर निकला और विकास पथ पर तेज़ी से आगे बढ़ गया। विश्व के हर कोने से आये हुए लोगों से बना है अमेरिका। भारतीय मूल के लोगों को प्रमुखता से यहाँ पर सम्माननीय स्थान मिला है, यह गौरव की बात है।

 

परमेंद्र मोहन, वेब डेस्क, IBC24

 
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