IAS बी चंद्रकला ने दिखाई शायराना कला, कविता में दिखाई दी छापे की टीस | IAS B Chandrakala shows Shayrana art, The raid appeared in the poem

IAS बी चंद्रकला ने दिखाई शायराना कला, कविता में दिखाई दी छापे की टीस

IAS बी चंद्रकला ने दिखाई शायराना कला, कविता में दिखाई दी छापे की टीस

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : February 9, 2019/9:59 am IST

चंद्रकला ने लिखा- राजनीति ने हमें ‘ 0=100 जानें ‘ का गणित भी सिखाया ;
कालेधन का सांप दिखाते-दिखाते, मदारी ने सौ जानें ले ली । राजनीति की कॉमेडी, असल में ट्रेजडी होती है ।।

उत्तरप्रदेश : कहते है कि नाम का जीवन पर बहुत प्रभाव होता है,कुछ ऐसा ही इस समय IAS  चंद्रकला के साथ भी हो रहा है, एक समय अपनी सख्ती की वजह से सोशल मीडिया पर वायरल हुई चंद्रकला फिर चर्चा में आ गई हैं, इस बार उनकी चर्चा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंकडिन पर पोस्ट की गई एक कविता की वजह से हो रही है, कविता में बी चंद्रकला ने अपना दर्द भी बयां किया है, दरअसल सीबीआई ने 5 जनवरी को चंद्रकला के लखनऊ स्थित घर पर करीब दो घंटे तक छापेमारी की थी और उनसे लंबी पूछताछ भी की गई थी, अब आईएएस बी चंद्रकला को उसी की टीस रह रहकर साल रही है, जिसे उन्होंने एक संकलित कविता के माध्यम से पेश किया है।

चंद्रकला ने लिंकडिन पर पोस्ट की गई कविता के अंत में छापे को चुनावी हथकंडा बताते हुए जीवन जीने का तरीका भी समझाया है, उन्‍होंने लिखा है, “चुनावी छापा तो पड़ता रहेगा, लेकिन जीवन के रंग को क्यों फीका किया जाए दोस्तों, आप सब से गुजारिश है कि मुसीबतें कैसी भी हो, जीवन की डोर को बेरंग ना छोड़ें.”

IAS B Chandrakala की Linkedin पर पोस्ट- मेरे प्यारे दोस्तों,
आज मैं आप से एक व्यंग्यात्मक कहानी ‘भारतीय राजनीति में एलियन इरा’ से उद्धरण साझा कर रही हूं:

“दोस्तो, भारतीय राजनीति, फटे कुर्ते से लेकर लाखों के सूट तक के तमाम अच्छे दिन देख चुकी है, लेकिन भारतीय जवानी आज भी समस्याओं के दलदल में फंसी कराह रही है।।

राजनीति ने हमें ‘ 0=100 जानें ‘ का गणित भी सिखाया ;
कालेधन का सांप दिखाते-दिखाते, मदारी ने सौ जानें ले ली । राजनीति की कॉमेडी, असल में ट्रेजडी होती है ।।

आगे लेखक कहता है , हमारा देश गांधी का देश है , गांधी मतलब , लोकतंत्र की आंधी : बदलाव की हर पटकथा, जनसैलाब ही लिखती है ।।
अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें,

” सुनो , ऐ सरकारें हत्यारी ,
तुम, जाने की, करो तैयारी ।।

कण-कण में हम आंधी हैं ,
हम भारत के, गांधी हैं ।।

लोकतंत्र का एक निशान ,
जन-गण-मन का करो, सम्मान ।।

लोकतंत्र की एक कसौटी ,
कण-कण फैले जीवन-ज्योति ।। “

” जमीर जो कहे, वही कर ,
जालिम कहां डरता है जो, तू किसी से डर ।।

हर तूफान को पता है, हम आसमान हैं,
वक्त की सीने पर मुकम्मल निशान हैं;

अपने रास्ते पर चल, हर रंग तेरी है,
ये धरती तेरी है, ये गगन तेरी है,
हर गुल तेरी है कि, ये गुलशन भी तेरी है ।।

जमीर जो कहे, वही कर ,
जालिम कहां डरता है जो, तू किसी से डर ।। “

प्रस्तुत अंश राकेश कुमार जी की पुस्तक ‘ भारतीय राजनीति में एलियन इरा ” से उद्धृत है ।।

आपकी चंद्रकला ।।

बता दें, आईएएस बी चंद्रकला बुलंदशहर, हमीरपुर, मथुरा, मेरठ और बिजनौर में डीएम रह चुकी हैं, और उन पर गलत तरीके से खनन पट्टे देने का आरोप है। जिसका जांच सीबीआई कर रही है,जिसके लिए बी चंद्रकला से गहन पूछताछ भी की जा चुकी है।

 
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