जनता मांगे हिसाब: पनागर की जनता ने मांगा हिसाब | IBC24 Specail:

जनता मांगे हिसाब: पनागर की जनता ने मांगा हिसाब

जनता मांगे हिसाब: पनागर की जनता ने मांगा हिसाब

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:45 PM IST, Published Date : May 10, 2018/11:26 am IST

अब बात करते हैं मध्यप्रदेश के पनागर विधानसभा की..सबसे पहले इस विधानसभा सीट की प्रोफाइल पर एक नजर..

जबलपुर जिले में आती है विधानसभा सीट

कुल मतदाता- 2 लाख 2 हजार 120 

पुरुष मतदाता -1 लाख 16 हजार 96 

महिला मतदाता- 1 लाख 424 

चुनाव में जाति समीकरण होते हैं अहम

50 हजार ब्राह्मण मतदाता

40 हजार पटेल मतदाता

60 हजार से ज्यादा यादव मतदाता

20 हजार सामान्य मतदाता

वर्तमान में विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा

पनागर की सियासत

पनागर विधानसभा जबलपुर की सियासत के हिसाब से बेहद अहम है…एक नहीं तीन-तीन बार कांग्रेस को पनागर में हार का मुंह देखना पड़ा…जबकि बीजेपी बीते तीन चुनाव से जीत का स्वाद चखती आ रही है..अब फिर चुनाव नजदीक हैं तो बीजेपी और कांग्रेस जीत-हार के समीकरणों में जुट गईं हैं..तो वहीं टिकट पाने के लिए लाइन भी लगनी शुरु हो गई है ।

बीते तीन विधानसभा चुनावों में बीजेपी का कमल खिलता आ रहा है पनागर विधानसभा सीट पर….बीते चुनाव में बीजेपी के सुशील तिवारी ने कांग्रेस के रूपेंद्र पटेल को करारी शिकस्त दी थी…वर्तमान में विधानसभा से लेकर जनपद और नगर पालिका तक में बीजेपी का कब्जा है…अब एक बार फिर विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं सियासी दल, तो विधायक की टिकट के लिए भी दौड़ शुरु हो गई है…बीजेपी की बात करें तो वर्तमान विधायक सुशील तिवारी टिकट की रेस में सबसे आगे हैं…इसके अलावा पूर्व विधायक नरेंद्र त्रिपाठी,पूर्व मंत्री अजय विश्नोई भ

पनागर के मुद्दे

जबलपुर जिले की पनागर विधानसभा में चुनाव आते ही हर बार की तरह इस बार भी वादे और दावे किए जाने लगे हैं…लेकिन क्या पिछले वादे हुए पूरे या हैं अधूरे इस पर भी एक नजर ।

सियासी दौड़ में तो सरपट दौड़ता दिखाई देता है पनागर लेकिन विकास की दौड़ में पीछे छूटा नजर आता है…जबलपुर शहर की सीमा से लगी इस विधानसभा के कुछ शहरी वार्डों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण इलाकों का हैं जहां आज भी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं पहुंच सकी…पनागर एक नहीं कई समस्याओं से जूझ रहा है…सबसे बड़ी अगर कोई समस्या है तो वो है बेरोजगारी क्योंकि रोजगार के साधन हैं ही नहीं…नतीजा पलायन के लिए मजबूर हैं लोग.

स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो अस्पतालों की हालत खराब है..तो वहीं स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक बदहाल नजर आती है…इसके अलावा नर्मदा की सहायक नदियों में से एक परियट नदी प्रदूषण की मार झेल रही है..क्योंकि डेयरियों के अपशिष्ट की वजह से परियट नदी तो प्रदूषति हो ही रही है नर्मदा नदी भी प्रदूषित हो रही है.ये वो समस्याएं हैं जिनसे परेशान है पनागर की जनता ।

 

वेब डेस्क, IBC24