जनता मांगे हिसाब: IBC24 की चौपाल में लोरमी की जनता ने रखी बात | IBC24 Special:

जनता मांगे हिसाब: IBC24 की चौपाल में लोरमी की जनता ने रखी बात

जनता मांगे हिसाब: IBC24 की चौपाल में लोरमी की जनता ने रखी बात

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : April 15, 2018/5:30 am IST

IBC24  के खास कार्यक्रम जनता मांगे हिसाब में शनिवार को  छत्तीसगढ़ के लोरमी की जनता ने अपनी सस्याएें रखीं. आइए जानते हैं लोरमी के प्रमुख समस्याएं और मुद्दों के बारे में।

लोरमी की भौगोलिक स्थिति 

कार्यक्रम की शुरूआत करते हैं ..छत्तीसगढ़ के लोरमी विधानसभा से 

मुंगेली जिले में आती है लोरमी विधानसभा

कुल क्षेत्रफल- 51146 हेक्टेयर

कुल जनसंख्या- 2लाख 59हजार 707

अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया के लिए जाना जाता है

ग्राम पंचायतो की संख्या-133

कुल मतदाता- 1लाख 88 हजार 234

पुरुष मतदाता – 96951

महिला मतदाता-  91283

वर्तमान में सीट पर बीजेपी का कब्जा

लोरमी विधानसभा की सियासत

लोरमी विधानसभा क्षेत्र ने प्रदेश की राजनीति में कई दिग्गज नेता दिए हैं। ये इलाका किसी एक राजनीतिक दल का गढ़ कभी नहीं रहा। यहां अब तक हुए 14 चुनावों में 7 बार कांग्रेस, 2 बार रामराज्य परिषद, 1 बार जनसंघ और 4 बार बीजेपी का कब्जा रहा है। फिलहाल यहां से बीजेपी के तोखन साहू विधायक हैं। जेसीसीजे के मैदान में उतरने से यहां सियासी समीकरण दिलचस्प हो गया है।

जल,जंगल और जमीन …कुदरती तौर पर लोरमी काफी समृद्ध नजर आता है …लेकिन ये समृद्धि यहां के गांवों तक पहुंचते पहुंचते न जाने कहां खो जाती है ..अंग्रेजों के जमाने से ही ये इलाका चर्चा में रहा है …वैसे इसके सियासी इतिहास की बात की जाए तो शुरूआत से ही यहां की सियासत पर राज परिवारों और जमींदारों का कब्जा रहा है। 

2013 में हुए चुनाव में यहां से बीजेपी के तोखन साहू विधायक के तौर पर निर्वाचित हुए है। जिन्होने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी धरमजीत सिंह को 6241 वोटों से पराजित किया था..इस चुनाव में तोखन साहू को जहां  52हजार 302 वोट मिले थे वहीं धरमजीत सिंह को 46 हजार 061 वोट मिले थे। 

जातिगत समीकरण की बात करें तो लोरमी में सबसे सर्वाधिक मतदाता करीब 35 फीसदी साहू समाज से आते  हैं..वहीं 30 फीसदी अनुसूचित जाति, 20 फीसदी अनुसूचित जनजाति और बाकि 15 फीसदी मतदाता सामान्य और अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं।  जातिगत आधार पर ही इस सीट से इस बार भी कई साहू नेता अपनी दावेदारी जताने में जुटे हैं। बीजेपी की बात करें तो वर्तमान विधायक तोखन साहू का दावेदार सबसे मजबूत है…इसके अलावा मिलनसार व्यक्तित्व और बेहतर कार्यकुशलता उनके पक्ष में जाता है..वहीं लोरमी जनपद अध्यक्ष वर्षा विक्रम सिंह भी टिकट दावेदारो की लिस्ट में शामिल है। वहीं साहू समाज से धनेश साह और 2008 में बीजेपी प्रत्याशी जवाहर साहू, रोहित साहू के अलावा गुरमित सलूजा और लक्ष्मीसेवक पाठक जैसे नेता के नाम संभावित उम्मीदवारों में शामिल है। वहीं कांग्रेस की बात करे तो जिला पंचायत सदस्य मायारानी सिंह और नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल दास का नाम टिकट दावेदारो में सबसे आगे है..वहीं राजपरिवार से ताल्लूक रखने वाले सागर सिंह  और पवन दास भी कांग्रेस से संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। वहीं पहली बार जनता कांग्रेस छ्त्तीसगढ़ ने पूर्व विधायक धरमजीत सिंह को मैदान में उतारकर बीजेपी और कांग्रेस की मुश्किलें जरूर बढ़ा दी है। 

लोरमी के प्रमुख मुद्दे

मुंगेली जिले में आने वाली लोरमी विधानसभा क्षेत्र में सियासी पैंतरेबाजी शुरू हो चुकी है …मुद्दे और मसले भी गूंजने लगे हैं। इलाके में भरपूर पानी होने के बावजूद लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं तो ..वहीं इस इलाके जिले का सबसे बड़ा डैम होने के बावजूद क्षेत्र के किसान पिछले कई सालों से सूखे की मार झेल रहे हैं। 

अचानकमार टाइगर रिजर्व के लिए प्रसिद्ध लोरमी विधानसभा में विकास की रफ्तार काफी सुस्त नजर आती है…जंगल से घिरे छोटे-छोटे गांवों में बसे इस इलाके में बुनियादी सुविधाओं का इंतजार है..हालत य है कि 2009 में गठन अचानकमार रिजर्व के कोर जोन में बसे 25 गांवों में से सिर्फ 6 गांवों का ही विस्थापन सरकार अब तक कर पाई है.अभी भी 19 गांवों के लोग विस्थापन का इंतजार कर रहे हैं।  वहीं लोरमी विधानसभा क्षेत्र में सड़क, पानी और बिजली को लेकर भी काफी काम करना बाकी है. मुंगेली जिले का सबसे बड़ा डैम खुड़िया जलाशय होने के बावजूद क्षेत्र के किसान पिछले कई सालों से सूखे की मार झेल रहे हैं। वहीं मनियारी नदी का अस्तित्व भी खतरे में हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह अवैध रेत उत्खनन और गलत जगहों पर एनिकट का निर्माण करना है। लचर चिकित्सा व्यवस्था भी लोरमी विधानसभा के लोगों के बड़ी समस्या है..मलेरिया, डायरिया जैसी मौसमी बीमारियों की चपेट में आकर लोगों की मौत हो रही है। बीते कुछ सालों में मरवाही के बाद लोरमी विकासखण्ड में सर्वाधिक लोगों की जान मलेरिया से गई है। वहीं  रोजगार भी सबसे बड़ा मुद्दा बनता नजर आ रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी को लेकर भी  लोरमी विधानसभा के लोगों में भारी गुस्सा नजर आता है।  इसके अलावा मनरेगा ओडीएफ  और प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार को लेकर भी लोगों में नाराजगी है। 

 

वेब डेस्क, IBC24