पूरे परिवार के लोग यह विश्वास के साथ दावा करते थे कि एक ना एक दिन हमारी लाडली हमारा नाम रोशन जरूर करेगी। प्रिया ने अपना, अपने पिता और दमोह के नाम का डंका प्रदेश में बजाकर यह तय कर दिया है कि बुंदेलखंड के बेटे या बेटियां किसी से कम नहीं है।
दमोह में एक चाय बेचने वाले की बच्ची ने अपने पिता के साथ-साथ दमोह का भी नाम रोशन कर दिखाया और प्रदेश में एग्रीकल्चर से प्रथम स्थान लाकर 12वीं कक्षा में टॉप रैंक पर पहुंच गई। दमोह के फुटेरा वार्ड नंबर 1 की रहने वाली प्रिया चैरसिया दमोह के उत्कृष्ट स्कूल से पढ़ाई की। प्रिया को दमोह एसपी विवेक सिंह ने भी बधाई देकर कहा कि अगर बच्चियां चाहे तो बेटों से आगे कहीं भी निकल सकती हैं, आज के समय में बेटियां बेटों से कम नहीं है। प्रिया चैरसिया के पिताजी दमोह बस स्टैंड पर चाय की दुकान चलाते हैं तथा आर्थिक स्थिति मजबूत ना होने के कारण शासकीय स्कूल में ही प्रिया को अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड़ी। प्रिया की शुरुआत से ही शिक्षा में रुचि को देखकर पूरे परिवार के लोग यह विश्वास के साथ दावा करते थे कि एक ना एक दिन हमारी लाडली हमारा नाम रोशन जरूर करेगी और प्रिया ने अपना, अपने पिता और दमोह के नाम का डंका प्रदेश में बजाकर यह तय कर दिया है कि बुंदेलखंड के बेटे या बेटियां किसी से कम नहीं है। अपनी लाडली के परीक्षा परिणाम को देखकर उसकी मां की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि आज हमें अपनी बेटी पर गर्व है। वहीं प्रिया का कहना है कि चाहे प्राइवेट हो या फिर शासकीय स्कूल, अगर आपके मन में पढ़ने की चाह है और कुछ कर दिखाने का जज्बा है तो इससे कहीं फर्क नहीं पड़ता। आप मेहनत करें कामयाबी आपके कदम जरूर चूमेगी।