पढ़ने के लिए जगह की अहमियत नहीं है, बस लगन से पढ़ने का जुनून होना चाहिए। कोई भी लक्ष्य पाने के लिए शॉर्टकट नहीं खोजने चाहिए। सफलता के लिए एकमात्र रास्ता लगातार मेहनत करना है। भले ही आप तेज न भाग सको, लेकिन कभी रुको मत, धीरे-धीरे ही सही, लक्ष्य की ओर बढ़ते रहो, सफलता जरूर मिलेगी।
मध्यप्रदेश में सिवनी की पहचान एक छोटे से जिले के रूप में होती है, लेकिन इस जिले में शिक्षा का स्तर खासा ऊंचा है। इसी जिले के निवासी सुरेश नेमा का बेटा है सागर नेमा, जिसने इस साल मध्यप्रदेश बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षा में पूरे प्रदेश में चैथा स्थान हासिल किया है। शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सिवनी के छात्र सागर ने अव्वल आकर दिखा दिया कि पढ़ने के लिए जगह की अहमियत नहीं है, बस लगन से पढ़ने का जुनून होना चाहिए। सिवनी के इस बेटे ने 12 वीं की परीक्षा में वाणिज्य विषय से प्रदेश में चैथा और जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया। सागर का कहना है कि अगर सच्ची लगन से पढ़ाई की जाए तो प्रथम स्थान पाना कोई कठिन काम नहीं है। अपनी सफलता का श्रेय सागर अपने माता -पिता को देता है। सागर को बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद का भी शौक रहा है क्रिकेट,फुटबाल और शतरंज सागर के पसंदीदा खेल रहे हैं। अपनी पढ़ाई पूरी कर सागर कलेक्टर बनना चाहता है। सिवनी जिले के एक छोटे से गांव आदेगांव में रहने वाले साधारण किसान सुरेश नेमा के परिवार में 4 सदस्य हैं। पत्नी मुक्त नेमा, बड़ी बेटी साक्षी और छोटा बेटा सागर। महज चार एकड़ जमीन में खेती कर अपने परिवार का गुजारा करने वाले सुरेश की पत्नी मुक्ता नेमा भी परिवार को चलाने के लिए प्राइवेट जॉब कर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाए हमेशा खड़ी रहती है। इन संघर्षों के बाद भी सुरेश नेमा का लक्ष्य अपनी बेटी और बेटे को पढ़ाना है। बड़ी बेटी साक्षी बीकॉम की छात्रा है। सागर शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सिवनी का छात्र है। नेमा परिवार अपने बेटे की कामयाबी से बहुत खुश है।