रायपुर: टोटल लॉकडाउन के दौरान क्वींस क्लब में अवैध शराब पार्टी और गोलीकांड के बाद IBC24 ने नशे के खिलाफ एक मुहिम छेड़ी कि आखिर वो कौन हैं जो नशे के कारोबार मे शामिल हैं और शहर के मासूम युवाओं को फांस रहे हैं। मुहिम शुरू हुई..एक सिरा खींचा तो एक के बाद एक कई खुलासे होने लगे। कई नाम सामने आए, जिन पर पुलिस ने कार्रवाई भी की। लेकिन अब नशे के काले कारोबार से जुड़ा एक डरावना सच सामने आया है कि नशे की लत में पड़कर अब युवा डिप्रेशन की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे युवाओं को ड्रग्स और डिप्रेशन से उबारने की कोशिश भी कुछ लोग कर रहे हैं। इसमें एनआईटी का वेल्यू एजुकेशन डिपार्टमेंट भी शामिल है, जो शार्ट फिल्मों में क्रिएटिविटी के जरिए नशे के खिलाफ युवाओं को जागरूक कर रहा है।
27 सिंतबर…क्वींस क्लब
जब सारी राजधानी लॉक थी…जिले की सीमाएं सील थीं…घरों से बेवजह निकलने पर कड़ी पाबंदी थी। ऐसे समय में रायपुर के क्वींस क्लब में रात को अचानक फायरिंग की आवाज से बेहद पॉश कहलाने वाला VIP रोड़ इलाका दहल गया। गोली चली थी इसीलिए राजधानी पुलिस पहुंची, तो पता चला कि टोटल लॉकडाउन के बीच क्वींस क्लब में रसूखदारों की बर्थडे पार्टी चल रही थी। इसके बाद सवाल उठने लगे कि पुलिस की इतनी सख्त चौकसी के दावे के बावजूद कैसे शराब की पार्टी हुई? जाहिर है घटना ने एक बात तो साफ कर दी थी कि रायपुर में नशे और मौज-मस्ती के लिए रसूखदार किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसके बाद IBC24 ने पड़ताल शुरू की आखिर नशे का ये खेल कहां तक फैला है और कौन-कौन इसमें शामिल हैं?
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28 सिंतबर…IBC24 की मुहिम की शुरुआत
हमारी मुहिम के पहले ही दिन IBC24 के कैमरे में राजधानी रायपुर की घनी आबादी के बीच एक नहीं कई इलाकों में नशा कारोबार के अड्डों की लाइव तस्वीरें कैद हो गईं। ये भी सामने आया कि यही नशा बढ़ते क्राइम ग्राफ की असल जड़ भी है।
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29 सिंतबर…हरकत में आई पुलिस
रायपुर की कोतवाली पुलिस ने बैरन बाजार में पॉलिटैक्नीक कॉलेज के पास कोकीन बेचने के लिए ग्राहक ढूढते श्रेयांश झाबक और विकास बंछोर को गिरफ्तार किया। इसके अलावा राजधानी में पान-ठेलों पर से लेकर टपरी और बंद कमरों तक में खुले आम गोगो बिकता हुआ IBC24 के कैमरे में कैद हुआ। विकास और श्रेयांश कड़ाई से पूछताछ में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे किए। श्रेयांश झाबक और विकास बंछोर ने पुलिस पूछताछ में कबूला कि शहर के कई रसूखदारों के साथ उनका कनेक्शन है और मुंबई से ड्रग्स लाकर अपने हमउम्र लड़कों को ग्राहक बनाते थे।
9 अक्टूबर…बिलासपुर से 9 ड्रग्स पैडलर गिरफ्तार
IBC24 की मुहिम के तहत हमने VIP चौक के पास होटल, नाइट क्लब, हुक्का बार समेत शहर के व्यापारिक और राजनीतिक घरानों के लड़के-लड़कियों, रसूखदारों के ड्रग कनेक्शन की एक-एक कड़ी को बेनकाब किया। ड्रग्स लेने वालों की धुंधली तस्वीरों के साथ-साथ उनकी नशीली डांस पार्टीज की तस्वीरें तक सबकुछ उजागर किया। पुलिस पर चौतरफा दबाव बना कि वो इस नेक्सस पर कार्रवाई करे। ऐसा हुआ भी पुलिस ने बिलासपुर से मुख्य ड्रग सप्लायर अभिषेक शुक्ला और मिन्हाज मेमन समेत 9 लोगों को ड्रग के साथ गिरफ्तार किया।
14 अक्टूबर: पहली महिला ड्रग पैडलर गिरफ्तार
पुलिस पूछताछ में कड़ी-दर-कड़ी हमारी ये आशंका भी सच साबित होती गई कि क्वींस क्लब में हुई नशा पार्टी और नशे के सौदागरों के बीच कनेक्शन है। मामले में अपने ग्लैमर से युवाओं को डीजे बनकर रिझाने वाली पहली महिला ड्रग पैडलर निकिता पंचाल की गिरफ्तारी के बाद कुछ और खुलासे होते गए। इसके बाद पुलिस ने दो राजधानी से क्वींस क्लब के मैनेजर संभव पारख और उसके साथी को ड्रग लेने और बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया।
21 अक्टूबर: रॉयडन बैथैलो नाम का ड्रग पैडलर गिरफ्तार
जाहिर है पुलिस ने राजधानी में ड्रग्स नेक्सस चलाने वाले कई बड़ी मछलियों को गिरफ्तार किया है. नशे के खिलाफ IBC24 की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी, क्योंकि नशा अब डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण भी बनता जा रहा है। मनोचिकित्सकों की माने तो वर्तमान में डिप्रेशन का मुख्य कारण नशा है। जब किसी को नशा नहीं मिलता है, तो वो चिड़चिड़ा होने लगता है और फिर वो मानसिक रोगी का शिकार बन जाता है। लेकिन ड्रग्स और डिप्रेशन से बचाव के लिए जागरुकता अभियान भी शुरू किया गया है। एनआईटी के वेल्यू एजुकेशन डिपार्टमेंट ने शार्ट फिल्मों के जरिए स्टूडेंट्स को इसके साल्यूशन के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
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कुल मिलाकर बीते 26 दिनों में IBC24 ने राज्य में नशे के नेटवर्क को ध्वस्त करने और इसके माफिया को बेनकाब करने अपनी पूरी जम्मेदारी निभाई है। अब उम्मीद यही है लेकिन इऩ्हें ज़ड़ से साफ करने की जिम्मेदारी पुलिस और जिम्मेदार विभागों की है।
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