'बात मान लो नहीं तो झीरम की तरह निपटा देंगे', मंतूराम का एक और बड़ा खुलासा | 'If you do not agree, you will be dealt with Jeeram' Another big reveal of Manturam

‘बात मान लो नहीं तो झीरम की तरह निपटा देंगे’, मंतूराम का एक और बड़ा खुलासा

'बात मान लो नहीं तो झीरम की तरह निपटा देंगे', मंतूराम का एक और बड़ा खुलासा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:43 PM IST, Published Date : September 7, 2019/3:36 pm IST

रायपुर। अंतागढ़ टेपकांड मामले में एक बड़ा खुलासा करते हुए मंतूराम पवार ने कहा है कि 7.5 करोड़ में अंतागढ़ उपचुनाव में डील हुई थी। मंतूराम ने कहा कि मंत्री राजेश मूणत के बंगले में पैसे का लेनदेन हुआ था। इसके साथ ही मंतूराम ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, अमित जोगी और राजेश मूणत का नाम भी लिया है और इनके खिलाफ मजिस्ट्रेट के सामने मंतूराम ने बयान दर्ज करवाया है।

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अंतागढ़ टेपकांड में मंतूराम पवार ने एक और बड़ा खुलासा किया है।  मंतूराम पवार ने कांकेर के तत्कालीन एसपी आरएन दाश पर भी नाम वापसी के लिए धमकाने का आरोप लगाया है। मंतूराम पवार के आरोप के मुताबिक नाम वापसी कराने की साजिश में कांकेर के तत्कालीन एसपी भी शामिल थे। मंतूराम पवार के मुताबिक  तत्कालीन SP ने कहा था कि “बात मान लो नहीं तो झीरम की तरह निपटा देंगे”। तमाम खुलासा करने के बाद मंतूराम पवार ने सुरक्षा की मांग की है।
डीजीपी को पत्र लिखकर मंतुराम ने अपने लिए सुरक्षा मांगी है।

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बता दें कि इसके पहले अंतागढ़ टेपकांड मामले में एक बड़ी कार्रवाई हुई थी। इस केस में अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता, राजेश मूणत और मंतूराम पवार पर धोखाधड़ी और पैसों के प्रलोभन और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत मामला पंडरी थाने में दर्ज किया गया था। वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री डॉ. किरणमयी नायक ने ये एफआईआर दर्ज कराई थी। अंतागढ़ टेप कांड मामले में SIT जांच के तहत की गई ये पहली बड़ी कार्रवाई थी।

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क्या था अंतागढ़ टेपकांड

साल 2014 में अंतागढ़ के तत्कालीन विधायक विक्रम उसेंडी ने लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दिया था। वहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक मंतू राम पवार को प्रत्याशी बनाया था। भाजपा से भोजराम नाग खड़े हुए थे। नाम वापसी के अंतिम वक्त पर मंतूराम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। इससे भाजपा को एक तरह का वाकओवर मिल गया था। बाद में फिरोज सिद्दीकी नाम से एक व्यक्ति का फोन कॉल वायरल हुआ था। आरोप लगे थे कि तब कांग्रेस में रहे पूर्व सीएम अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने मंतू की नाम वापसी कराई। टेपकांड में कथित रूप से अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता के बीच हुई बातचीत बताई गई थी।

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