इमरान खान ने पहचान छिपाकर हिंदू युवती से की शादी! धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत दर्ज हुआ मामला, जानिए क्या है प्रावधान | Imran Khan secretly married to a Hindu woman, a case registered under the Freedom of Religion Act, know what is the provision

इमरान खान ने पहचान छिपाकर हिंदू युवती से की शादी! धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत दर्ज हुआ मामला, जानिए क्या है प्रावधान

इमरान खान ने पहचान छिपाकर हिंदू युवती से की शादी! धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत दर्ज हुआ मामला, जानिए क्या है प्रावधान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : February 18, 2021/12:32 pm IST

भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से एक और लव जिहाद का मामला सामने आया है। पीड़िता का आरोप है कि इमरान खान नाम के शख्स ने अपनी पहचान छुपाकर शादी की थी। साथ ही पीड़िता ने आरोपी पर दहेज प्रताड़ता का मामला दर्ज करवाया है। वहीं, दूसरी ओर आरोपी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 के तहत मामला दर्ज किया है।

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जानिए कानून के 19 प्रावधान

– प्रलोभन, धमकी, कपट, षड़यंत्र से या धर्म छिपाकर विवाह किया तो विवाह शून्य होगा।
– कानून के प्रावधानों के विरुद्ध धर्म परिवर्तन किए जाने पर कम से कम 1 साल और अधिकतम 5
  साल का कारावास होगा।
– कानून के प्रावधानों के खिलाफ महिला, नाबालिग, SC-ST के धर्म परिवर्तन किए जाने पर कम से
  कम 2 साल और अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना
– अपना धर्म छिपाकर कानून के प्रावधानों के खिलाफ धर्म परिवर्तन करने पर कम से कम 3 साल
  और अधिकतम – 10 साल की सजा व 50 हजार जुर्माने का प्रावधान।
– दो या दो से अधिक लोगों का एक ही समय में धर्म परिवर्तन पर कम से कम 5 साल और
  अधिकतम 10 साल की सजा और कम से कम 1 लाख रुपए के अर्थदंड का प्रावधान।
– एक से अधिक बार कानून का उल्लंघन पर 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान।
– कानून के दायरे में आने के बाद विवाह शून्य घोषित करने का प्रावधान।
– पैतृक धर्म में वापसी को धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा।
– धर्म परिवर्तन करने पर परिजन की शिकायत को कानून में किया गया है जरूरी।
– इस अधिनियम में दर्ज अपराध संज्ञेय और गैरजमानती होगा। सेशन कोर्ट में होगी सुनवाई।
– सब इंस्पेक्टर से नीचे का पुलिस कर्मी इस कानून के तहत दर्ज मामले की जांच नहीं करेगा
– निर्दोष होने के सबूत पेश करने की बाध्यता अभियुक्त पर रखी गयी है।
– परिवार न्यायालय में होगा विवाह शून्य करने का फैसला।
– अपराध में पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण हासिल करने का अधिकार होगा।
– पैदा हुए बच्चे को अपने पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी के रूप में दावा करने की स्वतंत्रता होगी।
– अधिनियम के तहत दर्ज मामले में धर्म परिवर्तन कराने वाली संस्थाएं और लोग भी आरोपी के बराबर
  कार्यवाही के दायरे में आएंगे। ऐसी संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा।
– धर्म परिवर्तन कराने के पहले कलेक्टर को 2 महीने पहले सूचना देना होगा जरूरी।
– सूचना नहीं देने पर 3 से 5 साल तक की सजा और 50 हजार जुर्माने का प्रावधान।
– 2020 का अधिनियम पारित होने के बाद 1968 का मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्र अधिनियम खत्म माना
   जाएगा।

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