तकरार के बीच पदभार! सियाराम साहू पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष बने, थानेश्वर साहू अब भी डटे- बोले राज्य सरकार के निर्देशों का करेंगे पालन | In the midst of a fight! Siyaram Sahu became the chairman of the Backward Classes Commission

तकरार के बीच पदभार! सियाराम साहू पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष बने, थानेश्वर साहू अब भी डटे- बोले राज्य सरकार के निर्देशों का करेंगे पालन

तकरार के बीच पदभार! सियाराम साहू पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष बने, थानेश्वर साहू अब भी डटे- बोले राज्य सरकार के निर्देशों का करेंगे पालन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : June 11, 2021/8:14 am IST

रायपुर, छत्तीसगढ़। सियाराम साहू ने छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद का पदभार ग्रहण किया। लेकिन इस दौरान अध्यक्ष की केबिन में ताला लगा हुआ मिला। सियाराम साहू अध्यक्ष के बगल वाले कमरे में बैठे रहे। पदभार ग्रहण के दौरान भाजपा के कई नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।

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बता दें सियाराम साहू हाईकोर्ट का आदेश लेकर पदभार ग्रहण करने कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान सियाराम साहू ने बयान दिया कि ‘मैं हाईकोर्ट के आदेश के बाद पदभार लेने पहुंचा हूं। राज्य सरकार को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए।

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वहीं पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू के मुताबिक ‘राज्य सरकार ने मुझे नियुक्त किया है। पहले हाईकोर्ट के आदेश को राज्य सरकार को सौंपे फिर राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करूंगा।

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बता दें भूपेश सरकार ने कार्यकाल खत्म होने के पहले ही राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सियाराम साहू को हटाकर उनके स्थान पर थानेश्वर साहू की नियुक्ति की थी। इसके खिलाफ सियाराम ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया है। इसी के साथ ही सियाराम को पद पर बने रहने का आदेश जारी किया है। 

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पूर्व सीएम डा. रमन सिंह के कार्यकाल में साहू समाज के सियाराम साहू को 28 जुलाई 2018 को छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने चार अगस्त को पदभार संभाला। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी।

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उनका कार्यकाल चार अगस्त 2021 तक था। इस बीच राज्य में भूपेश सरकार के सत्ता में आने के बाद उन्हें पिछले साल पद से हटा दिया गया। उनके स्थान पर थानेश्वर साहू की नियुक्ति कर दी गई। राज्य सरकार के इस फैसले को सियाराम ने अपने वकील यूएनएस देव और सतीश गुप्ता के जरिए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।