नई दिल्ली। देश में पिछले दो दशकों से क्लाइमेट चेंज होने की वजह से मॉनसून के बाद आने वाले चक्रवाती तूफानों की तीव्रता और संख्या बढ़ गई है। वहीं सबसे गर्म दिन का तापमान 0.63 डिग्री सेल्सियस और सबसे ठंडी रात का तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है।
Read More News: स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारियों के लिए विभाग का आदेश, कोरोना ड्यूटी करने वालों को किया जाएगा
इसे लेकर भारत सरकार के वैज्ञानिक संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटियेरोलॉजी की पहली क्लाइमेट एसेसमेंट रिपोर्ट पेश की है। जिसमें बताया कि इस सदी में भारत में भयावह स्थिति पैदा होने की संभावना है।
Read More News: घर में घुसे हाथी की हालत अब खतरे से बाहर, पशु चिकित्सकों की टीम ने समय रहते किया इलाज शुरु
‘एसेसमेंट ऑफ क्लाइमेट चेंज ओवर द इंडियन रीजन’ की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस सदी के अंत तक भारत का औसत तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। सिर्फ इतना ही नहीं, यहां चलने वाली हीट वेव यानी गर्मी की लहर 3 से 4 गुना ज्यादा हो जाएगी। चक्रवाती तूफानों की संख्या और तीव्रता बढ़ जाएगी। समुद्र का जलस्तर 30 सेंटीमीटर बढ़ जाएगा।
Another milestone from @moesgoi: The first National Climate Change Assessment Report ready for launch A comprehensive report on past and future climate The open access book by Springer will be launched on 16 June at 0430 PM by @drharshvardhan
Link: https://t.co/BzuGvayO4P pic.twitter.com/sC6D6bmfeN
— Madhavan Rajeevan (@rajeevan61) June 14, 2020
Read More News: नए मरीज मिले, इंदौर में बीते 24 घंटों में 6 नए मरीज मिले 4 की मौत, रिकवरी रेट में
वहीं देश के क्लाइमेट की इतनी भयावह स्थिति पिछले 30 सालों में हुई है। रिपोर्ट की माने तो 21वीं सदी के अंत तक भारत के औसत तापमान में 55 से 70 फीसदी का इजाफा हो जाएगा। इसकी वजह से इकोसिस्टम, कृषि, साफ पानी स्रोत, ढांचागत विकास की हालत खराब हो जाएगी। इसके साथ ही उत्तरी हिंद महासागर में चक्रवाती तूफानों के आने की संख्या में बढ़ोतरी होने की भविष्यवाणी इस रिपोर्ट में की गई है।
Read More News: कृषि मंत्री कमल पटेल पर कांग्रेस का पलटवार, वीडियो जारी कर कहा- जानकारी दुरुस्त कर लें