चीन: दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां गधों की मांग लगातार बढ़ते जा रही है। इसी के चलते कई देशों से अब गधों की तस्करी की जा रही है। बताया जा रहा है कि गधों की डिमांड इन देशों में इसलिए बढ़ गई है क्योंकि गधों की चमड़ी से यहां यौन शक्ति बढ़ाने की दवा बनाई जाती है। इन दवाओं की मांग चीन में बहुत अधिक है, इसीलिए अब बात तस्करी तक आ पहुंची है।
जानकारी के अनुसार चमड़े की तस्करी करने वाले गैंग किराए के गुर्गों की मदद ली जा रही है। किराए के गुर्गों के जरिए केन्या सहित कइ देशों में गधों की चोरी करवाते हैं। गधे वहां के गरीब किसानों के जीवनयापन के साधन है, अब इनके गायब होते जाने से उनके जीवनयापन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। दरअसल किसानों के लिए ये गधे खेती और परिवहन के साधन भी है, इनके गायब हो जाने से उनके लिए संकट हो रहा है।
बताया जा रहा है कि गधों की चमड़ी का इस्तेमाल कर चीन सहित कई देशों में सेक्स पॉवर बढ़ाने वाली दवाई इजिआव का निर्माण किया जाता है। इजिआव को पानी में घोलकर या एंटी एजिंग क्रीम में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। पहले इस दवा का इस्तेमाल उच्च वर्ग के लोगों में बहुतायत होता था, लेकिन समय के साथ अब मध्यवर्ग और विदेशों में रहने वाले चीनियों में भी इसकी मांग बढ़ने लगी है। इसी के चलते साल 2000 में 30 डॉलर प्रति किलोग्राम की दर से मिलने वाले इजिआव की कीमत अब 780 डॉलर प्रति किलोग्राम हो गई है।
गधों की तस्करी के बाद केन्या में स्थिति बिगड़ने लगी है। चीन द्वारा यहां लगाए गए बूचड़खानों में लगातार गधों की तस्करी कर उनको हलाल किया जा रहा है। बूचड़खाना खोले जाने के बाद से बूचड़खाने के सप्लायरों ने इलाके में बड़े पैमाने पर गधों को खरीदना शुरु किया। इसके चलते यहां गधों की कमी महसूस की जा रही है। अब केन्या में गधों के दाम आसमान छूने लगे हैं।
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