गलवान घाटी पर भारत ने पूरा किया पुल का निर्माण, सेना की पहुंच होगी आसान, इसलिए बौखलाया था चीन | India completed the construction of the bridge over the Galvan Valley

गलवान घाटी पर भारत ने पूरा किया पुल का निर्माण, सेना की पहुंच होगी आसान, इसलिए बौखलाया था चीन

गलवान घाटी पर भारत ने पूरा किया पुल का निर्माण, सेना की पहुंच होगी आसान, इसलिए बौखलाया था चीन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : June 20, 2020/9:20 am IST

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में श्योक नदी पर एक पुल का निर्माण पूरा हो गया है, जहां पर श्योक-गलवान ​नदियां मिलती हैं ये उसके काफी नजदीक है। भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक ये पेट्रोलिंग प्वाइंट-14 की तरफ जाने वाले ट्रैक पर नहीं है। 

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पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सेना के इंजीनियर्स ने 60 मीटर लंबे उस पुल का निर्माण पूरा कर लिया है, जिसे चीन रोकना चाहता था। गलवान नदी पर बने इस पुल से संवेदनशील सेक्टर में भारत की स्थिति बेहद मजबूत हो गई है। इस पुल की मदद से अब सैनिक नदी वाहनों के साथ आरपार जा सकते हैं और 255 किलोमीटर लंबे स्ट्रैटिजिक डीबीओ रोड की सुरक्षा कर सकते हैं, यह सड़क दरबुक से दौलत बेग ओल्डी में भारत के आखिरी पोस्ट तक जाती है, जो काराकोरम के पास है।

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इस पुल की वजह से भी चीन बौखलाया हुआ है, मई में उसके सैनिकों के बड़ी संख्या में एलएसी पर आने की एक वजह यह पुल भी है, जिसे वह नहीं बनने देना चाहता था। क्योंकि वह जानता है कि इस पुल से यहां भारत की स्थिति और भी मजबूत हो गई है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि पुल गुरुवार रात को तैयार हो गया। इससे यह भी पता चलता है कि सीमा पर फॉर्मेशन इंजीनियर्स इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में जुटे हुए हैं और पीएलए की ओर से काम रुकवाने की तमाम कोशिशों के बावजूद बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन का काम जारी रहेगा।

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चार मेहराब वाला यह पुल श्योक और गलवान नदी के संगम से तीन किलोमीटर पूर्व में बना है। पट्रोलिंग पॉइंट 14 से 2 किलोमीटर पूर्व। पेट्रोलिंग पॉइंट 14 ही वह स्थान है जहां 15 जून को दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। यह Y जंक्शन के नजदीक है, जहां गलवान नाला मुख्य नदी से मिलती है। दोनों नदी के संगम पर भारतीय सेना का बेस कैंप है जिसे ‘120 किमी कैंप’ कहा जाता है यह डीएसडीबीओ रोड के नजदीक ही है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की सीमा में चीन का एक भी सैनिक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है।’ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सर्वदलीय बैठक में कई सवाल उठाए और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन के मुद्दे पर सरकार को विपक्षी दलों के साथ बैठक पहले ही बुला लेनी चाहिए थी जब 5 मई को चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा में घुसने की खबर आई थी।