भारत ने डॉक्टर, इंजीनियर बनाए और पाकिस्तान ने आतंकी ठिकाने और जेहादी | India fights poverty, Pakistan fights us, Sushma Swaraj tells UN

भारत ने डॉक्टर, इंजीनियर बनाए और पाकिस्तान ने आतंकी ठिकाने और जेहादी

भारत ने डॉक्टर, इंजीनियर बनाए और पाकिस्तान ने आतंकी ठिकाने और जेहादी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : September 24, 2017/8:01 am IST

संयुक्त राष्ट्र में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के दमदार संबोधन की चर्चा पूरे देश और दुनिया में हो रही है। महत्वपूर्ण वैश्विक विषयों पर सुषमा ने भारत का पक्ष दुनिया भर के देशों के प्रतिनिधियों के सामने बेबाक और सशक्त तरीके से रखा। सुषमा स्वराज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट वैश्विक जंग की बात अब धीरे-धीरे महज एक रस्म की तरह बनती जा रही है, कई देश आतंकवाद के खात्मे की बात करते हैं, जबकि इसे गंभीरता से नहीं लेता। आवश्यकता दुनिया के सभी देशों को मिलकर आतंकवाद के खात्मे के लिए एकजुट गंभीर प्रयास की है।

सुषमा स्वराज ने अपने संबोधन की शुरुआत भारत में नरेंद्र मोदी सरकार की योजनाओं के गुणगान के साथ किया। उन्होंने कहा कि जनधन योजना, उज्ज्वला योजना, डिज़िटल इंडिया, मुद्रा योजना,  जैसी योजनाओं से भारत आगे बढ़ रहा है। सुषमा ने नोटबंदी और जीएसटी के बारे में भी दुनिया को अवगत कराया। भारत गरीबी से लड़ रहा है और हमारा पड़ोसी पाकिस्तान हमसे लड़ रहा है। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के मंच से मानवाधिकार, इंसानियत का मुद्दा उठाने की नाटक कर रहा है, जबकि यही वो देश है जो सबसे ज्यादा इंसानियत का खून बहा रहा है। भारत ने आईआईटी बनाए, पाकिस्तान ने एलईटी (लश्कर-ए-तैयबा) बनाया। हम डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, आईआईएम बनाते हैं, पाकिस्तान आतंकी, जेहादी बनाता है। भारत विश्वशांति की कामना करता है, पाकिस्तान विश्व में आतंकवाद का निर्यातक कारखाना बनाता है। पाकिस्तान को नसीहत देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि वो आतंकवाद के पैसों का इस्तेमाल अपने मुल्क की अवाम की भलाई में इस्तेमाल करे। सुषमा स्वराज ने अच्छे आतंकवाद और बुरे

आतंकवाद, मेरा आतंकवाद और तेरा आतंकवाद के नजरिये से देखे और परिभाषित किए जाने की आलोचना करते हुए कहा कि आतंकवाद को सिर्फ आतंकवाद के नजरिये से ही देखे जाने की ज़रूरत है। सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत आतंकवाद का सबसे ज्यादा शिकार रहा है, इस गंभीर समस्या का सामना कर रहा है। उन्होंने पाकिस्तान को सलाह दी कि वहां के राजनेता आत्ममंथन कि क्यों भारत की पहचान आईटी हब के रूप में बन रही है और उसकी पहचान आतंकवाद को पनाह देने वाले मुल्क की बन चुकी है।

भारतीय विदेश मंत्री ने अपने भाषण का समापन संस्कृत के श्लोक सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया,सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेतके साथ किया।  इस श्लोक का का अर्थ है सभी सुखी हों, सभी रोगमुक्त रहें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुषमा स्वराज का संबोधन खत्म होने के बाद ट्वीट करके उन्हें बधाई दी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये संबोधन अदभुत है। विदेश मंत्री ने वैश्विक मंच पर भारत का गर्व बढ़ाया है।