पहले से भी ज्यादा भ्रष्ट हुआ भारत, भ्रष्टाचार में 81वें नंबर पर | India has become more corrupt, at 81st position in corrupt nation list

पहले से भी ज्यादा भ्रष्ट हुआ भारत, भ्रष्टाचार में 81वें नंबर पर

पहले से भी ज्यादा भ्रष्ट हुआ भारत, भ्रष्टाचार में 81वें नंबर पर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : February 23, 2018/8:09 am IST

नई दिल्ली। निश्चित रूप से ये खबर किसी भी भारतीय के लिए अच्छी नहीं है। 2014 लोकसभा चुनावों में भ्रष्टाचार एक बड़ा चुनावी मुद्दा था और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा था। अब बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए सरकार है, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ताजा रिपोर्ट बताती है कि हालात सुधरने की बजाय बिगड़े ही हैं। आंकड़ों की बात करें तो इस गैर सरकारी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी की रिपोर्ट में भारत भ्रष्टाचार के मामले में 2016 की तुलना में 2017 में दो स्थान और फिसल चुका है। पहले भारत का स्थान 183 देशों में 79 था, अब 81 है। आपको बता दें कि जो सबसे कम भ्रष्ट देश आंका जाता है, उसका स्थान पहला होता है और जैसे-जैसे जिस देश में भ्रष्टाचार ज्यादा होता है, इस लिस्ट में उसका नंबर तय किया जाता है, यानी जो सबसे ज्यादा भ्रष्ट होता है, उसका नंबर सबसे बाद में आता है। 

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अंक के मामले में भारत को 2016 के बराबर ही 2017 में भी 40 अंक ही मिले हैं, 100 में से सबसे कम भ्रष्ट देश को सबसे ज्यादा अंक आते हैं और इस साल सबसे कम भ्रष्ट देश न्यूज़ीलैंड को माना गया है, जिसे 89 अंक मिले हैं। इस करप्शन इंडेक्स का मकसद भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारों को एक सशक्त संदेश देना है। इसी उद्देश्य से 1995 में इस सूचकांक की शुरुआत की गई थी, जो विश्लषकों, कारोबारियों और विशेषज्ञों के आकलन और अनुभवों के साथ-साथ सूची में शामिल देशों की एक साल के हालात पर आधारित बताया जाता है।

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ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने भारत को भ्रष्टाचार के साथ-साथ प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में भी कमजोर देशों में शामिल किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कुछ देशों में पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, विपक्षी नेताओं और यहां तक कि कानून लागू करने वाली और नियामकीय एजेंसियों के अधिकारियों तक को धमकियां दी जाती हैं। कहीं कहीं स्थित ऐसी बुरी है कि उनकी हत्याएं तक कर दी जाती हैं। कमिटी टु प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स का हवाला देते हुए इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन देशों में 6 साल में 15 ऐसे पत्रकारों की हत्या हो चुकी है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रहे थे। इस मामले में भारत की तुलना फिलीपीन और मालदीव जैसे देशों के साथ की गई है और कहा गया है कि भ्रष्टाचार के मामले में इन देशों के अंक ऊंचे हैं और इनमें प्रेस की आजादी अपेक्षाकृत कम है साथ ही पत्रकारों की हत्याएं भी ज्यादा हुई हैं।

 

 

 

वेब डेस्क, IBC24