इस मामले में पाकिस्तान से भी पीछे हुआ भारत, दक्षिण एशियाई देशों में भी सबसे निचले पायदान पर पहुंचा | India lags behind Pakistan in this matter

इस मामले में पाकिस्तान से भी पीछे हुआ भारत, दक्षिण एशियाई देशों में भी सबसे निचले पायदान पर पहुंचा

इस मामले में पाकिस्तान से भी पीछे हुआ भारत, दक्षिण एशियाई देशों में भी सबसे निचले पायदान पर पहुंचा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : October 16, 2019/11:41 am IST

नई दिल्ली​। 117 देशों के वैश्विक भूख सूचकांक (ग्लोबल हंगर इंडेक्स) में भारत 102वें स्थान पर पहुंच गया है। जो कि दक्षिण एशियाई देशों का सबसे निचला पायदान है। भारत ब्रिक्स में शामिल देश (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका) के बाकी देशों से बहुत पीछे है। ब्रिक्स का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला देश दक्षिण अफ्रीका 59वें स्थान पर है। 2015 में भारत की ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) रैंकिंग 93 थी। उस वर्ष दक्षिण एशिया में सिर्फ पाकिस्तान ही ऐसा देश था जो इस इंडेक्स में भारत से नीचे आया था। वह इस वर्ष भारत से आगे निकलकर 94वां स्थान हासिल किया है।

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गौरतलब है कि 2014 से 2018 के बीच जुटाए गए आंकड़ों से तैयार ग्लोबल हंगर इंडेक्स इन देशों में कुपोषित बच्चों की आबादी, उनमें लंबाई के अनुपात में कम वजन या उम्र के अनुपात में कम लंबाई वाले पांच वर्ष तक के बच्चों का प्रतिशत और पांच वर्ष तक के बच्चे की मृत्यु दर पर आधारित हैं। आंकड़े बताते हैं कि भारत के कारण जीएचआई में दक्षिण एशिया की स्थिति अफ्रिका के उप-सहारा क्षेत्र से भी बदतर हो गई है।

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जीएचआई पर पेश एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में 6 से 23 महीनों के सिर्फ 9.6% बच्चों को ही न्यूनतम स्वीकृत भोजन उपलब्ध हो पाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी हालिया रिपोर्ट में तो यह आंकड़ा 6.4% ही बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 के बाद से नेपाल ने इस मामले में सबसे ज्यादा सुधार किया है।

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भूख की स्थिति के आधार पर देशों को 0 से 100 अंक दिए गए और जीएचआई तैयार किया गया। इसमें 0 अंक सर्वोत्तम यानी भूख की स्थिति नहीं होना है। 10 से कम अंक का मतलब है कि देश में भूख की बेहद कम समस्या है। इसी तरह, 20 से 34.9 अंक का मतलब भूख का गंभीर संकट, 35 से 49.9 अंक का मतलब हालत चुनौतीपूर्ण है और 50 या इससे ज्यादा अंक का मतलब है कि वहां भूख की बेहद भयावह स्थिति है।

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