मंगल ग्रह, हमारी धरती का सबसे क़रीबी पड़ोसी है। इस ग्रह को लेकर इंसान की काफी उम्मीदें हैं। ऐसा माना जाता है कि अंतरिक्ष में दूसरी दुनिया का सपना इसी लाल ग्रह से सच हो सकता है, लेकिन फिर भी कई बार सवाल उठते हैं कि क्या मंगल पर जीवन संभव है? वहां का तापमान, वायुमंडल बेहद कमज़ोर है. इतना कमज़ोर कि अंतरिक्ष से रेडियोएक्टिव किरणों की मंगल पर बरसती रहती हैं. फिर मंगल पर ऑक्सीजन भी बेहद कम है. इतनी कम कि मंगल की फ़िज़ा में केवल पांच फ़ीसदी ऑक्सीजन है. बाक़ी है कार्बन डाई ऑक्साइड. लेकिन मंगल पर भेजे गए कई मिशन से वहां ज़िंदगी की उम्मीद जगी है.
मंगल ग्रह पर जाने के लिए देश और दुनिया के लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। भारतीयों ने इसके लिए टिकट भी बुक करा लिए हैं। 2018 में मंगल पर जाने के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा द्वारा स्पेसक्राफ्ट भेजा जाएगा। 5 मई को निकलने वाला ये स्पेसक्राफ्ट 26 नवंबर 2018 को मंगल ग्रह पर पहुंचेगा। NASA का यह मिशन 720 दिनों का होगा।
इस स्पेसक्राफ्ट के जरिये इंसान नहीं बल्कि 24 लाख नामों को मंगल पर भेजा जाएगे, रजिस्टर्ड कराए गए नामों को एक सिलिकॉन चिप पर इलेक्ट्रॉन बीम की मदद से उकेरा जाएगा तब चिप पर लिखे जाने वाले अक्षर बाल के हजार वें हिस्से से भी पतले होंगे। सभी नामों को दर्ज करने के बाद यह चिप नासा के स्पेसक्राफ्ट से मार्स पर भेजी जाएगी। माना जा रहा है कि जिन लोगों ने टिकट बुक कराये हैं उन लोगों को नासा द्वारा बोर्डिंग पास भी दिए जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि नासा को अबतक 24 लाख 29 हजार 807 आवेदन मिले हैं। लिस्ट में भारत तीसरे नंबर पर है। 6 लाख 76 हजार 773 लोगों के रजिस्ट्रेशन के साथ अमेरिका पहले स्थान पर है. वहीं, 2 लाख 62 हजार 752 लोगों की बुकिंग के साथ चीन दूसरे नंबर और 1 लाख 38 हजार 899 लोगों के रजिस्ट्रेशन साथ भारत तीसरे पायदान पर है।
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