नई दिल्ली। आईसीसी महिला वर्ल्ड टी-20 के दूसरे सेमीफाइनल में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की दिग्गज खिलाड़ी मिताली राज को न खिलाए जाने का विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बता दें कि इस विवाद के बाद पूर्व क्रिकेटरों और प्रशंसकों के निशाने पर आए कोच रमेश पोवार ने अब मिताली राज पर पलटवार किया है। रमेश पवार ने मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मिताली राज पर कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने मिताली राज के बारे में टीम में फूट डालने के अलावा कोचों पर दबाव डालने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है।
रमेश पोवार ने बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी और जनरल मैनेजर सबा करीम को एक रिपोर्ट भेजी है, उन्होंने टीम की हर सदस्य के बारे में अपनी रिपोर्ट दी है। मगर 10 पन्नों की ये रिपोर्ट आधी मिताली राज के बारे में है। इससे पहले मिताली राज ने सीओए को ई-मेल लिख खुद को कोच रमेश पोवार द्वारा अपमानित किए जाने का आरोप लगाया था।
रमेश पोवार ने अपनी रिपोर्ट में मिताली को लेकर लिखा है कि मिताली को टीम से पहले अपने हितों के बारे में सोचना बंद करना चाहिए. उम्मीद करता हूं कि वह बड़े नजरिए के साथ सोचेंगी और भारतीय महिला क्रिकेट की बेहतरी के लिए काम करेंगी। मिताली ने अपनी भूमिका की अनदेखी करते हुए निजी उपलब्धियों के लिए बल्लेबाजी की। इस कारण बैटिंग में एक फ्लो या लय नहीं बन सकी, और इससे बाकी दूसरे बल्लेबाजों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया। पोवार ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच में भी केवल चयनकर्ताओं के दबाव के कारण उनसे पारी की शुरुआत कराई गई।
इतना ही नहीं पोवार ने आगे कहा कि टीम में सकारात्मक माहौल बनाए रखने के लिए टूर सेलेक्टर के दबाव के कारण हमने पाकिस्तान के खिलाफ मिताली राज से पारी की शुरुआत कराई। मिताली राज धमकी देती रहीं कि अगर उनसे पारी की शुरुआत नहीं कराई गई, तो वह वापस घर लौट जाएंगी।
पोवार ने बीसीसीआई को भेजी रिपोर्ट मे कहा कि ग्रुप में प्वाइंट्स टेबल में शीर्ष पर रहने के बाद टीम मीटिंग में बतौर सीनियर मिताली ने कोई सुझाव नहीं दिया। वह टीम की योजना के अनुसार खुद को नहीं ढाल सकीं और उन्होंने अपने हितों के लिए उन्हें दी गई भूमिका की अनदेखी की।