जल संकट से जूझ रहा भारत :  जानिए गहराते संकट के मुख्य कारण  और रोकने के उपाय.. | India's Water Crisis : India is currently experiencing an acute water crisis

जल संकट से जूझ रहा भारत :  जानिए गहराते संकट के मुख्य कारण  और रोकने के उपाय..

जल संकट से जूझ रहा भारत :  जानिए गहराते संकट के मुख्य कारण  और रोकने के उपाय..

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : June 14, 2019/12:21 pm IST

जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, देश के कई क्षेत्रों में जल संकट गहराता जा रहा है। इस वक्त देश एक भीषण जल संकट से जूझ रहा है, अगर जलचक्र ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले कुछ सालों में ये स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर हम अभी भी जल संरक्षण को लेकर जागरुक नहीं हुए तो ‘जलसंकट’ हमारी आने वाली पीढ़ि के लिए किसी आपादा से कम नहीं है।

आज के दौर में जल महत्त्वपूर्ण व मूल्यवान वस्तु बन चुका है। अगर शुद्ध जल अमृत है, तो दूषित जल विष और महामारी का आधार। जल संसाधन,  संरक्षण और संवर्धन आज की आवश्यकता है। जिसमें हमें अपना महत्वपूर्ण सहयोग देना चाहिए। आज के समय में जल संकट ने हर व्यक्ति के रहन-सहन में परिर्वतन कर दिया है।

जलसंकट मानवीय चूक से उत्पन्न एक समस्या है, या ये कहें कि प्रगति के लिए हमने प्रकृति का भी दोहन किया है। जिसका नतीजा है कि आज हमारे सामने से जलसंकट की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है।

जल की समस्या पूरी दुनिया में एक जैसी ही है। हर देश इस समस्या से अपने-अपने स्तर पर जूझ ही रहा है। जल संकट दुनियाभर में इस प्रकार बढ़ता जा रहा है कि अब मंगल ग्रह में पानी की खोज की जा रही है। धरती का 70 फीसद से ज्यादा हिस्सा पानी से ढका हुआ है, लेकिन बड़ी बात ये है कि पीने योग्य केवल 3 फीसद है 97 फीसदी समुद्री जल है, जिसे पीने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है।

इस तीन फीसद में से भी ज्यादातर पानी ध्रुवीय क्षेत्रों में आइसटॉप के रूप में जम जाता है या मिट्टी में मिल जाता है। इस तरह से इंसान के पीने के लिए सिर्फ 0.5 फीसद जल का ही इस्तेमाल होता है। धरती पर 70 फीसद से ज्यादा पानी है, लेकिन समुद्रों में मौजूद इसका 97 फीसद जल पीने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। समुद्र के जल में सोडियम और क्लोराइड की मात्रा काफी ज्यादा होती है।

जल संकट के मुख्य करणा क्या हैं?

जल संकट एक दिन में उपजी समस्या नहीं है, इसलिए जलसंकट के उत्पन्न होने के कई कारण हो सकते हैं। जलसंकट का अर्य़ केवल ये नहीं है कि सतत दोहन के कारण भूजल का स्तर लगातार गिर रहा है, बल्कि जल में शामिल होता घातक रसायनिक प्रदूषण, फिजूलखर्ची की आदत जैसे अनेक कारण हैं। जिससे सभी लोगों को आसानी से प्राप्त होने वाले जल की उपलब्धता अब समस्या में तबदीत हो चुकी है।  

भारत में गहराते जलसंकट स्थिति पर एक नजर

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