अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 2021: जानिए कौन है विश्व की पहली नर्स, कहा जाता है "लेडी विद द लैंप" | International Nurses Day 2021: Know who is the world's first nurse, called Lady with the Lamp

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 2021: जानिए कौन है विश्व की पहली नर्स, कहा जाता है “लेडी विद द लैंप”

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 2021: जानिए कौन है विश्व की पहली नर्स, कहा जाता है "लेडी विद द लैंप"

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : May 12, 2021/7:52 am IST

नई दिल्ली। आज पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर हम आपको दुनिया की पहली नर्स के बारे में बताते हैं जिसे पूरी दुनिया ने लेडी विद द लैंप के नाम से भी जानते हैं। हर साल उन्हीं के जन्मदिन के मौके पर अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है।

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मरीज की जिंदगी बचाने में जितना योगदान डॉक्टर्स का होता है, उतना ही एक नर्स का। नर्स अपनी परवाह किए बिना मरीज की तन-मन से सेवा कर उनकी जान बचाती है। अपने घर और परिवार से दूर रहकर मरीजों की दिन रात सेवा करती है। नर्सों के साहस और सराहनीय कार्य के लिए यह दिवस मनाया जाता है।

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बता दें कि देश में नर्स दिवस मनाने की शुरुआत 1965 में हुई थी। दरअसल फ्लोरेंस नाइटिंगेल को विश्व की पहली नर्स कहा जाता है। और उन्हीं की याद में साल 1965 में सबसे पहले इस दिवस को मनाने की शुरुआत हुई थी। नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटइंगेल का जन्म 12 मई, 1820 को हुआ था। तब से लेकर आज तक यह दिवस हर साल 12 मई को मनाया जाता है। अपने देश में इसकी शुरुआत 1973 में परिवार एंव कल्याण विभाग ने की थी। पुरस्कार से नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्‍यता प्रदान किया जाता है। पुरस्कार हर साल देश के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार में 50 हज़ार रुपए नकद, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है।

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नर्स एक मां, एक बहन के रूप में मरीजों की करती हैं सेवा

मरीज की जिंदगी बचाने में डॉक्टर और नर्स का अहम योगदान होता है। कोरोना काल में डॉक्टर और नर्स भगवान की तरह लोगों की सेवा करने में जुटे हुए। कई ऐसे नर्स है जो परिवार से कई महीनों से दूर रहकर मानव सेवा कर रहे हैं। अपनी जान की परवाह किए बगैर मरीजों को ठीक करने में जुटी हुई है। नर्स एक मां, एक बहन के रूप में मरीजों की सेवा करती हैं। इस रिश्ते को बखूबी निभाने के कारण इन्हें सिस्टर का उपनाम दिया गया है। नर्स अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज करती है। वह अपने घरों से दूर, परिवार से दूर रहकर दिन और रात अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ कर रही हैं। नर्सों को इस पेशे से जुड़ी खुशियों के साथ-साथ कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है।

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अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस की हर साल अलग थीम होती है। इस समय पूरी दुनिया महामारी कोरोना से जूझ रही है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 2021 की थीम नर्स : ए वॉयस टू लीड – ए विजन फॉर फ्यूचर हेल्थकेयर रखी है। इस थीम के जरिए लोगों में नर्सों के प्रति सम्मान को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। इसका मतलब होता है कि भविष्य की स्वास्थ्य सेवा के लिए नर्स का नेतृत्व बहुत महत्वपूर्ण है। इस बार हम यह दिखाना चाहते हैं कि नर्सिंग भविष्य में कैसे दिखेगी और साथ ही साथ कैसे पेशे स्वास्थ्य सेवा के अगले चरण को बदल देगी।

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