950 करोड़ के चारा घोटाला में सजा में लगे 21 साल, 20 ट्रक थे केस के पेपर्स  | It took 21 years old in Fodder Scam for justice to be delivered

950 करोड़ के चारा घोटाला में सजा में लगे 21 साल, 20 ट्रक थे केस के पेपर्स 

950 करोड़ के चारा घोटाला में सजा में लगे 21 साल, 20 ट्रक थे केस के पेपर्स 

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : January 6, 2018/11:24 am IST

रांची। बिहार के जिस बहुचर्चित चारा घोटाले में आज सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को जिस मामले 64 ए में सज़ा सुनाई गई है, वो साल 1996 का है। 21 साल से भी ज्यादा समय बाद ये फैसला आया है। करीब 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला के 61 में से 39 केस जब झारखंड के बिहार से अलग होने के बाद पटना से रांची ट्रांसफर किए गए थे, उस वक्त बताया जाता है कि इससे जुड़े दस्तावेजों को भेजने में ही 20 ट्रक भर गए थे।

ये भी पढ़ें- चारा घोटाला मामले में लालू यादव को साढ़े 3 साल की जेल, 5 लाख रुपए जुर्माना

     

 

लालू प्रसाद यादव 1990 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। सत्ता संभालने के चार साल बाद 1994 में ये खुलासा हुआ कि सरकारी खजाने से अलग-अलग फर्जी बिलों के आधार पर अवैध तरीके से रकम निकासी की जा रही है। इस मामले की जांच शुरू हुई तो चारा घोटाला के रूप में इस बहुचर्चित घोटाला सामने आया। 

ये भी पढ़ें- लालू पर बोले जज, खुली जेल बेहतर ताकि गौपालन का भी अनुभव हो

1996 में सीबीआई ने जांच शुरू की और इस जांच के शुरुआती चरण में ही ये सामने आ गया कि चारे, चारे की ढुलाई, पशुओं की दवा आदि के खर्च के लिए करोड़ों रुपये के फर्जी बिल बनाकर अवैध निकासी की गई।

ये भी पढ़ें- बेटी ने बुजुर्ग मां-बाप को घर से निकाला, बस स्टैंड पर गुजारनी पड़ी रात

    

 

चारा घोटाले की जांच की जब सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे, उस वक्त केंद्र में एच डी देवेगौड़ा की सरकार थी और खुद लालू प्रसाद यादव की देवेगौड़ा को प्रधानमंत्री बनवाने में बड़ी भूमिका थी। लालू प्रसाद यादव को जब पहली बार इसी घोटाले के एक केस में जेल जाना पड़ा था, उस वक्त केंद्र में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए 1 की सरकार थी। अब चारा घोटाला के ही इस दूसरे मामले में उन्हें जेल की सजा सुनाई गई है और इस वक्त केंद्र में भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार है। 

 

वेब डेस्क, IBC24