जग्गी हत्याकांड, शूटर चिमन सिंह को स्थायी रूप से छत्तीसगढ़ छोड़ने की अनुमति देने से हाईकोर्ट का इंकार | Jaggi massacre, High Court refuses to allow Chiman Singh to leave Chhattisgarh permanently

जग्गी हत्याकांड, शूटर चिमन सिंह को स्थायी रूप से छत्तीसगढ़ छोड़ने की अनुमति देने से हाईकोर्ट का इंकार

जग्गी हत्याकांड, शूटर चिमन सिंह को स्थायी रूप से छत्तीसगढ़ छोड़ने की अनुमति देने से हाईकोर्ट का इंकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : April 13, 2019/8:07 am IST

बिलासपुर। बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने शूटर चिमन सिंह को स्थायी रूप से छत्तीसगढ़ छोड़ने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने चिमन सिंह को सिर्फ कुछ शर्तों के तहत 4 माह के लिए छत्तीसगढ़ से बाहर जाने की अनुमति दी है।

हाईकोर्ट ने आदेश के 4 माह बाद चिमन को छत्तीसगढ़ लौटने और ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है। बता दें कि शूटर चिमन सिंह के छत्तीसगढ़ छोड़ने पर कोर्ट ने रोक लगाई थी। शूटर चिमन सिंह ने बूढ़ी मां, परिजनों और जमीन की देखरेख के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी थी। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस एमएम श्रीवास्तव के डिवीजन बैंच में हुई।

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बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रामावतार जग्गी की 4 जून 2003 को रायपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे और मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी सहित 31 लोगों को आरोपी ठहराते हुए रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया था। कोर्ट ने 31 मई 2007 को दिए गए फैसले में विशेष न्यायाधीश बीएल तिड़के की कोर्ट ने अमित जोगी सहित विश्वनाथ राजभर, विनोद सिंह, श्यामसुंदर उर्फ आनंद, अविनाश उर्फ लल्लन सिंह, तथा जामवंत कश्यप को दोषमुक्त ठहराया था। जबकि 19 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इनमें शूटर चिमन सिंह, याहया ढेबर, अभय गोयल,शिवेंद्र सिंह, फिरोज सिद्दिकी, विक्रम शर्मा, राकेश शर्मा, अशोक भदौरिया, संजय कुशवाहा, राजीव भदौरिया, नरसी शर्मा, विवेक भदौरिया, रवि कुशवाहा, सत्येंद्र सिंह तोमर, सुनील गुली, अमित पचौरी तथा हरीश चंद्र शामिल थे।