नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दाम और रुपए के भी लगातार कमजोर होने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश की अर्थव्यवस्था पर समीक्षा बैठक की। इस बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली और रिजर्व बैंक के गर्वनर सहित पीएमओ और वित्त मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे।
बैठक में रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अर्थव्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर काफी ज्यादा है और दूसरे देशों की तुलना में भारत में महंगाई काबू में है।
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जेटली ने कहा, ‘अमेरिका में कुछ नीतिगत फैसले लिए गए हैं, जिसके चलते डॉलर मजबूत हुआ है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ी हैं और इन सबका प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ा है’।
गौरतलब है कि रुपया पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था। अगस्त में रुपया छह प्रतिशत के करीब गिरकर 72 से नीचे चला गया था। जबकि अभी पेट्रोल और डीजल के दाम भी रिकार्ड स्तर पर चल रहे हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम में दो रुपये लीटर की कमी करने के लिए 30,000 करोड़ रुपए का राजस्व छोड़ना पड़ेगा। सरकार इस समय राजकोषीय घाटे को बढ़ने की कोई छूट देना का जोखिम नहीं ले सकती।
वेब डेस्क, IBC24
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