तमिलनाडु। तमिलनाडु का परंपरागत खेल ‘जल्लीकट्टू’ का मदुरई के अवनीपुरम में आयोजित किया गया। ज्ञात हो कि जल्लीकट्टू तमिल नाडु के ग्रामीण इलाक़ों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्यौहार पर आयोजित कराया जाता है और जिसमे बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है. जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव तथा संस्कृति का प्रतीक कहा जाता है।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”in” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> Traditional bull-taming event 'Jallikattu' begins in Avaniapuram, Madurai. <a href=”https://twitter.com/hashtag/MakarSankranti?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#MakarSankranti</a> <a href=”https://twitter.com/hashtag/TamilNadu?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#TamilNadu</a> <a href=”https://t.co/mUKIwMh1oV”>pic.twitter.com/mUKIwMh1oV</a></p>— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1085008473518231553?ref_src=twsrc%5Etfw”>January 15, 2019</a></blockquote>
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कहा जाता है कि यह 2000 साल पुराना खेल है जो उनकी संस्कृति से जुड़ा है। इस तरह का खेल स्पेन में भी होता है जिसे बुल फाइट कहते हैं और वहां ये खेल काफी लोकप्रिय है।
लेकिन सांड के साथ खेले जाने के कारण साल 2014 को यह विवाद में भी आ गया था। जब 2014 में जल्लीकट्टू खेल के दौरान 17 लोगों की जान चली गई और 1 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सांडों की इस लड़ाई वाले खेल जल्लीकट्टू को बैन कर दिया। लेकिन राज्य सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया और सांडों को काबू करने से जुड़े इस खेल को फिर से शुरू कर दिया। इस पर बैन को लेकर राज्य में काफी प्रदर्शन हुआ था।
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8 hours ago