अब बात मध्यप्रदेश की अंबाह विधानसभा की..सियासी समीकरण और मुद्दों से पहले एक नजर विधानसभा की प्रोफाइल पर..
मुरैना जिले में आती है विधानसभा सीट
कुल मतदाता-2 लाख 12 हजार
पुरुष मतदाता- 1 लाख 22 हजार
महिला मतदाता- 90 हजार
SC-ST मतदाता 35 फीसदी
SC-ST मतदाताओं की भूमिका निर्णायक
वर्तमान में विधानसभा सीट पर बीएसपी का कब्जा
सत्यप्रकाश सखवार हैं बीएसपी विधायक
सियायसत-
अंबाह विधानसभा में चुनावी रंग दिखने लगे हैं…बीएसपी की इस कब्जे वाली सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही जीत दर्ज करने की कोशिशों में जुट गए हैं…तो वहीं टिकट के दावेदार भी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं ।
2008 में बीजेपी की जीत तो 2013 में बीएसपी की जीत का परचम ऐसी सियासी तस्वीर है अंबाह विधानसभा की..बीते चुनाव में बीएसपी के सत्यप्रकाश सखवार ने जीत हासिल की थी..अब 2018 के चुनावी समर में एक बार फिर जीत-हार के गुणाभाग में जुट गए हैं सियासी दल..जहां बीएसपी इस बार भी जीत बरकारार रखने की कोशिश में है तो वहीं बीजेपी वापसी की जुगत में है…कांग्रेस अब भी जीत की तालाश में है…इसके साथ ही विधायक की टिकट के दावेदार में सक्रिय नजर आने लगे हैं…बीएसपी से वर्तमान विधायक सत्यप्रकाश सखवार एकमात्र दावेदार हैं…तो कांग्रेस और बीजेपी में दावेदारों की लाइन लंबी है..कांग्रेस से मुकेश जाटव सबसे प्रबल दावेदार हैं…इसके अलावा विजय छारी भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं..बात बीजेपी की करें तो गब्बर सखवार और संध्या राय का नाम दावेदरों की लिस्ट में सबसे ऊपर है..तो ओमप्रकाश खटीक भी टिकट के लिए ताल ठोक रहे हैं ।
मुद्दे-
अंबाह में विकास की रफ्तार सुस्त नजर आती है..बिजली,पानी और सड़क तक के इंतजार में हैं कई गांव..तो वहीं विधानसभा में अपराध के बढ़ते ग्राफ पर भी लगाम नहीं लग पा रही है ।
सियासी उठापटक के बीच अंबाह में विकास दिखाई नहीं देता..गांवों में बिजली तो कस्बों में पानी तक के लिए तरसी रही है जनता..स्वच्छता में भी पीछे नजर आती है विधानसभा..जगह-जगह कचरे का अंबार है..अंबाह में सालों से बस स्टैंड की मांग की जाती रही है लेकिन अब पूरी नहीं हुई..सड़कों की भी हालत खराब है…बारिश के दिनों में सड़कें और भी बदहाल नजर आती हैं…शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं भी बदहाल हैं…स्कूलों में शिक्षकों की कमी है तो वहीं उच्च शिक्षण संस्थानों के अभाव में छात्र जिला मुख्यालय जाने को मजबूर हैं…स्वास्थ्य सुविधाओं का भी बुरा हाल हैं..अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं..बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या है क्योंकि रोजगार के साधन हैं नहीं..नतीजा पलायन थम नहीं पा रहा…विधानसभा में सरकारी योजनाओं का फायदा भी लोगों को मिल नहीं पा रहा है…प्रधानमंत्री आवास योजना और बिजली बिल माफ के लिए बनी संबल योजना को लेकर लोग आक्रोशित नजर आ रहे हैं ।
वेब डेस्क, IBC24