कोरोना संक्रमण को रोकने जापानी वैज्ञानिकों ने निकाला नायाब फार्मूला, इस गैस के इस्तेमाल से खत्म हो जाता है वायरस | Japanese scientists extract unsurpassed formula to prevent corona infection

कोरोना संक्रमण को रोकने जापानी वैज्ञानिकों ने निकाला नायाब फार्मूला, इस गैस के इस्तेमाल से खत्म हो जाता है वायरस

कोरोना संक्रमण को रोकने जापानी वैज्ञानिकों ने निकाला नायाब फार्मूला, इस गैस के इस्तेमाल से खत्म हो जाता है वायरस

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : August 29, 2020/10:38 am IST

जापान: दुनियाभर में कोरोना महामारी ने हाहाकार मचा रखा है, रोजाना दुनियाभर से लाखों मरीज सामने आ रहे हैं। संक्रमण से मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर वैक्सीन को लेकर दुनिया के कई देशों में रिसर्च लगातार जारी है। वैज्ञानिक दिन रात एक कर वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। इसी बीच जापान के शोधकर्ताओं ने कोरोना पर काबू पाने का एक नया तरीका ढूंढने का दावा किया है।

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दरअसल जापनी शोधकर्ताओं का दावा है कि ओजोन की कम सांद्रता से कोरोना वायरस के प्रभाव को 90 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। ओजोन गैस की मदद से अस्पतालों और वेटिंग रूम को कीटाणुरहित किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने इस बात की जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ​जरिए दी है। ये शोध फुजिता हेल्थ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया है।

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फुजिता हेल्थ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दावा करते हुए कहा है कि ओजोन गैस की 0.05 से 0.1 प्रति मिलियन (पीपीएम) की सांद्रता कोरोना वायरस को खत्म कर सकती है। यह गैस इंसान के लिए खतरनाक भी नहीं है। बताया गया कि ओजोन गैस का परीक्षण करने के लिए वैज्ञानिकों ने ओजोन जनरेटर का सहारा लिया है। शोध के दौरान यह पाया गया कि 10 घंटे के लिए ओजोन गैस का कम स्तर पर इस्तेमाल करने से वायरस की क्षमता 90 फीसदी से अधिक घट गई थी।

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प्रमुख शोधकर्ता ताकायुकी मुराता ने बताया कि कम सांद्रता के ओजोन से कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोका जा सकता है। भले ही उस जगह पर कितने लोग भी मौजूद हों, कम सांद्रता के ओजोन ट्रीटमेंट का इस्तेमाल कभी भी किया जा सकता है। हमने पाया कि यह उच्च आर्द्रता वाली परिस्थितियों में ये विशेष रूप से प्रभावी है।

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उन्होंने आगे बताया कि ओजोन एक प्रकार का ऑक्सीजन अणु है, जो कई रोगों के वायरस को निष्क्रिय करने में सहायक साबित होता है। पहले के कई प्रयोगों से पता चला है कि 1-6 पीपीएम के बीच, उच्च सांद्रता का ओजोन कोरोना वायरस के खिलाफ बहुत कारगर है लेकिन ओजोन का ये स्तर इंसानों के लिए जहरीला था।

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