जेट एयरवेज के चेयरमैन ने पत्नी सहित दिया इस्तीफा, आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही एयरलाइन्स | Jet Airways chairman, wife resigns Airlines going through economic crisis

जेट एयरवेज के चेयरमैन ने पत्नी सहित दिया इस्तीफा, आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही एयरलाइन्स

जेट एयरवेज के चेयरमैन ने पत्नी सहित दिया इस्तीफा, आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही एयरलाइन्स

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : March 25, 2019/11:18 am IST

नई दिल्ली । जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल ने सोमवार को बोर्ड की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। नरेश गोयल कर्ज में फंसी जेट एयरवेज के प्रमुख प्रमोटरों में से एक थे। नरेश इससे पहले खुद इस्तीफे की पेशकश कर चुके थे। उन्होंने संकट के बीच कर्मचारियों को भावुक पत्र भी लिखा था। इसमें नरेश ने कहा था कि वह किसी भी बलिदान को तैयार हैं।

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बता दें कि लंबे वक्त से जेट एयरवेज संकट से घिरा हुआ है। जिन कंपनियों से उसने प्लेन लीज पर लिए हैं उनका किराया रुका हुआ था। कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं दी जा रही थी। नरेश गोयल के हटने के बाद जेट के ऋणदाता संघ के सदस्य उनके 51 प्रतिशत हिस्सेदारी को एयरलाइंस में मिला सकते हैं। जिसके बाद आनेवाले हफ्तों में नए खरीददार की तलाश शुरू की जाएगी। नरेश के बाद सीईओ विनय दुबे जेट एयरवेज को संकट से बाहर निकालने की पूरी कोशिश करेंगे।

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जेट एयरवेज पर 8000 करोड़ का ऋण
फिलहाल जेट एयरवेज पर कुल 26 बैंकों का कर्ज है. इसमें कुछ प्राइवेट और विदेशी बैंक भी शामिल हैं। पब्लिक सेक्टर बैंक में केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इलाहबाद बैंक शामिल हैं. अब इस लिस्ट में एसबीआई और पीएनबी का नाम भी जुड़ जाएगा. एयरलाइंस पर करीब 8 हजार करोड़ का कर्ज है. जेट के पायलट पहले ही अल्टीमेटम दे चुके हैं कि अगर 31 मार्च तक उनका बकाया नहीं दिया गया तो वह किसी फ्लाइट को नहीं उड़ाएंगे।

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जेट एयरवेज को इमरजेंसी फंड मिलने की भी संभावना है। इसमें पंजाब नैशनल बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 25 साल पुरानी इस एयरलाइंस को प्राथमिकता पर फंड दिया जाएगा। लेनदार यूनिटी द्वारा प्राथमिकता पर फंड मिलने से जेट एयरवेज को मदद मिलेगी। बता दें कि एसबीआई शुरुआत से अब तक जेट एयरवेज को आपातकाल फंड देने के खिलाफ रहा है। बैंक इस समस्या का सही समाधान चाहता था लेकिन अब वह फंड देने को तैयार है। लेकिन अब चुपचाप इसलिए मान गया होगा क्योंकि अगर जेट के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू हुई तो बैंक को ज्यादा कुछ नहीं मिलेगा। उसके हिस्सा सिर्फ ब्रैंड का नाम और कुछ रूट्स आएंगे। क्योंकि जेट के 119 विमानों में से कुछ ही उसके अपने हैं।