नई दिल्ली: देश की जनता का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को भारत का लोकपाल नियुक्त किया है। मंगलवार शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के पहले लोकपाल के रूप में जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष के नाप पर मुहर लगाई। बता दें कि धानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रख्यात कानूनविद मुकुल रोहतगी की चयन समिति ने उनका नाम तय किया है और उनके नाम की सिफारिश की थी।
Justice Pinaki Chandra Ghose appointed as Lokpal by President of India, Ram Nath Kovind. pic.twitter.com/35y2Fgyajm
— ANI (@ANI) March 19, 2019
न्यायमूर्ति दिलीप बी भोसले, न्यायमूर्ति पी के मोहंती, न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी और न्यायमूर्ति एके त्रिपाठी को लोकपाल समिति के न्यायिक सदस्य होंगे। वहीं, दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामासुंदरम, महेन्द्र सिंह, आईपी गौतम लोकपाल समिति के सदस्य बनाए गए हैं।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>President of India appoints Justice Dilip B Bhosale, Justice P K Mohanty, Justice Abhilasha Kumari and Justice AK Tripathi as judicial members. Dinesh Kumar Jain, Archana Ramasundaram, Mahender Singh, and Dr. IP Gautam appointed members. <a href=”https://t.co/46XgM5XQTU”>https://t.co/46XgM5XQTU</a></p>— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1108028750388580352?ref_src=twsrc%5Etfw”>March 19, 2019</a></blockquote>
<script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
जानिए कौन हैं जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष
पीसी घोष का जन्म 28 मई 1952 को हुआ था। उनके पिता का नाम शंभू चंद्र घोष हाईकोर्ट के जस्टिस रह चुके हैं और कई राज्य के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। अभी पीसी घोष मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं। उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से बीकॉम और यूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता से एलएलबी की पढ़ाई की है। वे कलकत्ता हाईकोर्ट के अटॉर्नी एट लॉ भी बने थे।
वे साल 1997 में कलकत्ता हाईकोर्ट के जज बने और उसके बाद दिसंबर 2012 में उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। दो साल पहले मई 2017 में घोष सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे और वो 2013 से 2017 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रहे।
इसके अलावा वो वेस्ट बंगाल स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन, नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के सदस्य भी रह चुके हैं। साथ ही उन्होंने कई पदों पर कार्यभार संभाला है।
सुप्रीम कोर्ट के जज के तीन साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई अहम फैसले सुनाए थे। उनके इन फैसलों में तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की सहयोगी रही शशिकला को लेकर दिया गया फैसला भी शामिल है। दरअसल उन्होंने शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया था।