आज गुना में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ के 2008 चुनाव में प्रोजेक्ट किए जाने वाले बयान पर कहा कि मेरे और कमल नाथ जी के व्यक्तिगत संबंध हैं और यह पार्टी कि एकजुटता है हमें पद पोस्ट की आवश्यकता नहीं है यह पार्टी के आलाकमान तय करेंगे। वही इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जीएसटी को लेकर भी सरकार को जमकर घेरा उन्होंने कहा कि बड़े बड़े व्यापारी तो रिटर्न फाइल कर सकते हैं लेकिन गुना, अशोकनगर जैसी छोटी जगहों के व्यापारी रिटर्न फाइल कैसे कर सकेंगे और उसका आईटी सिस्टम सॉफ्टवेयर बड़े-बड़े दिल्ली मुंबई जैसे शहरों में तो व्यापारी क्रियान्वयन कर सकते हैं लेकिन छोटे व्यापारी हर हफ्ते रिटर्न फाइल कैसे कर पाएंगे और रिफंड के लिए महीनों का इंतजार करना पड़ेगा।
वही फसल बीमा योजना पर भी वर्तमान सरकार को सिंधिया ने घेरते हुए कहा फसल बीमा योजना प्राइवेट कंपनियों के हाथ में दी गई है जबकि सरकारी कंपनियों को इसका काम नहीं दिया गया 2000रु से लेकर 15000 तक फसल बीमा काटने के बाद 2 वर्षों में हजारों करोड़ रुपए कमाया और जो दावा आए हैं वह सिर्फ 15 प्रतिशत है इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की एकजुटता की बात की और वर्तमान सरकार पर जमकर प्रहार किए।
फसल बीमा मुआवजा या शिवराज के राज में किसानों से मजाक ?
नेतृत्व के सावाल पर उन्होने कहा प्रदेश का नेतृत्व किसी को भी दिया जाए हाईकमान जो निर्णय लेंगे वह मंजूर है। चाहे वह कमलनाथ तो भी मेरा पूरा सपोर्ट है चाहे कोई भी व्यक्ति हो मेरे लिए कमलनाथ जी एक नेता नहीं है मेरा बहुत अटूट संबंध उनके साथ है व्यक्तिगत संबंध भी है हमें समय व्यर्थ नहीं करना है कौन बनेगा का सवाल नहीं है, जो भी कांग्रेस में बनेगा उसको मेरा पूर्ण सहयोग और समर्थन होगा ना कमलनाथ जी को ना मुझे कोई पद या पोस्ट से कोई लेना देना नहीं है हम सब चाहते हैं कांग्रेस की सरकार मध्य प्रदेश में बने। कमलनाथ जी ने मेरे नाम का समर्थन किया है मैंने कमलनाथ जी के नाम का समर्थन किया है यह एक सुखद संदेश है पार्टी के लिए हम सब एक हैं जिस तरह से जीएसटी ने देश की आर्थिक अर्थव्यवस्था को तोड़ दिया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया होंगे मध्यप्रदेश में कांग्रेस का सीएम चेहरा ?
जीएसटी के लिए पहले हमने 7 साल तक कोशिश की और इसी भाजपा ने पहले इसका विरोध किया जीएसटी को लागू करना और उसका क्रियांवन करना अलग। भाजपा ने बता दिया की उसकी कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। यह इस बात से भी स्पष्ट होता है, कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री तब वे जीएसटी का विरोध करते थे कहते थे कि इससे देश का सत्यानाश हो जाएगा। जीएसटी का लाभ अभी भी व्यापारी को नहीं मिल रहा है। आप और हम दोनों अनुभव कर रहे हैं कि हर आम इंसान को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
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