भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण देने के बाद विपक्षी बीजेपी ने भी ओबीसी वर्ग को रिझाने के लिए फॉर्मूला ढूंढ लिया है। बीजेपी ने तय किया है कि 48 प्रतिशत से अधिक ओबीसी बाहुल्य लोकसभा सीटों पर ओबीसी वर्ग के प्रत्याशी को ही चुनावी समर में उतारा जाएगा।
दरअसल देशभर में सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलने के बाद प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आम चुनाव से ठीक पहले ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का तोहफा देकर सियासी चाल चली तो लंबे मंथन के बाद बीजेपी ने इसका तोड़ निकालने का भी फॉर्मूला ढूंढ लिया है। बीजेपी ने तय किया है कि जिन सीटों की 48 प्रतिशत या इससे अधिक आबादी ओबीसी वर्ग की है, उन सीटों पर ओबीसी वर्ग के नेता को ही सांसद का टिकट दिया जाएगा।
हालांकि पार्टी अपने नए फॉर्मूले को लेकर सीधा खुलासा नहीं कर रही है। पार्टी का तर्क है कि फैसला केंद्रीय चुनाव समिति ही लेगी। बीजेपी के प्राथमिक आकलन के अनुसार पार्टी ने ओबीसी वर्ग के लिए दस सीटें तय की हैं। ये सीटें भोपाल, जबलपुर, दमोह, खजुराहो, खंडवा, होशंगाबाद, सागर, मंदसौर, सतना और रीवा हैं। खबर है कि जिन सीटों पर पैनल की आवश्यकता पड़ेगी तो दूसरे प्रत्याशी में भी ओबीसी वर्ग को ही तबज्जो दी जाएगी। वहीं कांग्रेस का कहना है कि सरकार में रहते बीजेपी ने ओबीसी वर्ग के लिए कुछ नहीं किया। अब जब हमने 27 प्रतिशत आरक्षण दिया है तो इस तरह की बातें की जा रही हैं।
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बीजेपी को उम्मीद है कि इस नए फॉर्मूले से टिकट देकर वह प्रदेश के 52 फीसदी ओबीसी वर्ग को लुभा सकती है लेकिन प्रदेश स्तर पर तैयार की गई इस रणनीति से पार्टी का हाईकमान कितना सहमत है, इसका खुलासा टिकट वितरण से ही हो सकेगा।
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