Kisan Andolan: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की ट्रैक्टर रैली शुरू, किसान नेता ने कहा- ये 26 जनवरी की परेड का है ट्रेलर | Kisan Andolan: tractor rally Farmers rally against agricultural laws

Kisan Andolan: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की ट्रैक्टर रैली शुरू, किसान नेता ने कहा- ये 26 जनवरी की परेड का है ट्रेलर

Kisan Andolan: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की ट्रैक्टर रैली शुरू, किसान नेता ने कहा- ये 26 जनवरी की परेड का है ट्रेलर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : January 7, 2021/6:24 am IST

नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) कड़ी सुरक्षा के बीच हजारों किसानों ने बृहस्पतिवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन स्थल-सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से ट्रैक्टर रैली निकाली।

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भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के प्रमुख जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि 3500 से ज्यादा ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के साथ किसान मार्च में हिस्सा ले रहे हैं।

प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड के पहले यह ‘‘रिहर्सल’’ की तरह है।

दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस के कर्मियों की भारी तैनाती के बीच ट्रैक्टर पर सवार किसानों ने कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे की ओर मार्च शुरू किया। भाकियू नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में ट्रैक्टर मार्च पलवल की तरफ बढ़ा है।

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संयुक्त किसान मोर्चा के एक वरिष्ठ सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘आगामी दिनों में हम तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करेंगे। आज के मार्च में हरियाणा से करीब 2500 ट्रैक्टर आए हैं।’’

उन्होंने, ‘‘हम आगाह करना चाहते हैं कि अगर सरकार हमारी मांगें स्वीकार नहीं करेगी तो किसानों का प्रदर्शन आगे और तेज होगा।’’

सिंघू से टिकरी बॉर्डर, टिकरी से कुंडली, गाजीपुर से पलवल और रेवासन से पलवल की तरफ ट्रैक्टर रैलियां निकाली गयी है।

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भीषण ठंड, बारिश के बावजूद पंजाब, हरियाणा और देश के कुछ अन्य भागों के हजारों किसान पिछले 40 दिनों से ज्यादा समय से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान कृषि कानूनों को निरस्त करने, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने तथा दो अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सोमवार को सातवें दौर की बैठक बेनतीजा रही थी क्योंकि किसान तीनों कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर डटे हुए हैं।

 
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