ये हैं वो 10 कंपनियां जो कर सकती है आपका फोन टेप, मिला है सरकारी अधिकार! | know which 10 agencies have legal rights to phone tapping or snooping

ये हैं वो 10 कंपनियां जो कर सकती है आपका फोन टेप, मिला है सरकारी अधिकार!

ये हैं वो 10 कंपनियां जो कर सकती है आपका फोन टेप, मिला है सरकारी अधिकार!

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : November 21, 2019/6:24 am IST

नई दिल्ली: बीते दिनों ​पूरे देश में फोन टेपिंग के मामले को लेकर सियासी गलियारों में बवाल मचा हुआ था। मुद्दा सदन तक भी पहुंचा तो सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता का आता है तो सरकारें किसी भी नागरिक का फोन टैपिंग या इंटरनेट के माध्यम से होने वाले तमाम संवादों में कानूनी तौर पर तांक-झांक करवा सकती है। इस बात को सरकार ने लोकसभा में लिखित में कहा है। लेकिन ऐसा नहीं है सरकारी ऐजेंसियां अपनी मर्जी के अनुसार किसी का भी मोबाइल फोन टेप नहीं करवा सकती। इस बात के लिए अनुमति लेनी होती है, नियमों का पालन करना होता है।

Read More: तेज रफ्तार बाइक अनियंत्रित होकर पुलिया से गिरी, दो युवकों की दर्दनाक मौत

आपको बता दें कि केंद्र सरकार की 10 ऐसी कंपनियां हैं जो फोन टेपिंग करने का अधिकार रखती है, लेकिन हम पहले ही बता चुके हैं कि इस कार्य के लिए कंपनियों को अनुमति लेनी होती है, नियमों का पालन करना होता है। सरकार की ऐसी 10 कंपनियां हैं, जिन्हें फोन टेप करने का अधिकार है।

Read More: कैबिनेट के बड़े फैसले, पांच सरकारी कंपनियों में किया गया ये बड़ा बदलाव.. जानिए

इन कंपनियों को है फोन ​टेपिंग का अधिकार

  • इंटेलिजेंस ब्यूरो

  • सीबीआई

  • इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट

  • नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो

  • सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज

  • डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस

  • नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी

  • रिसर्च एंड एनालिसिस विंग

  • डायरेक्टोरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस

  • दिल्ली पुलिस कमिशनर

बता दें ये सभी कंपनियां जरूरी नियमों का पालन कर संदिग्धों का फोन टेपिंग करने का अधिकार रखती हैं।

Read More: प्रधानमंत्री को चीफ जस्टिस ने लगाई फटकार, बोले- बयान देते समय सावधानी बरते और कटाक्ष करने से बचें

इन कंपनियों को केंद्र सरकार से जुड़े मामले में संदिग्धों का फोन टेपिंग करने से पहले केंद्रीय गृह सचिव की इजाजत लेनी होती है। वहीं, राज्य सरकारों से जुड़े मामलों में संबंधित राज्य के गृह सचिव की मंजूरी लेना आवश्यक है। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री, जी किशन रेड्डी के मुताबिक देश की संप्रभुता या अखंडता के हित में आईटी ऐक्ट, 2000 का सेक्शन 69 केंद्र या राज्य सरकार को किसी भी कंप्यूटर स्रोत से पैदा हुई या भेजी गई, पाई गई या जमा की गई सूचनाओं को इंटरसेप्ट या मॉनिटर करने का अधिकार देता है।

Read More: रेलवे ने रद्द की 300 से अधिक गाड़ियां, कहा- आपको हुई असुविधा के लिए खेद है, देखे पूरी लिस्ट