रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बार-बार छोटा आदमी बोलने के विरोध में पीसीसी IT सेल के प्रदेश अध्यक्ष जयवर्धन बिस्सा रमन के घर पहुंच गए। मुंह पर काली पट्टी बांधे विरोध जताते हुए बिस्सा ने रमन के घर के बाहर से कहा है कि हां मैं भी ‘छोटा आदमी हूं’।
पढ़ें- सीएम बघेल ने ‘गरीबी पर वार, 72 हजार’ से हटाया भ्रम, कहा- 12 हजार सा…
आपको बतादें हाल में रमन ने सीएम बघेल पर दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘इतना छोटा आदमी, छोटे मन से इतनी छोटी-छोटी हरकत करता है, ये सिर्फ मजाक का पात्र बनेगा’। रमन के इस बयान के बाद सीएम बघेल ने स्वीकारा कि हां मैं छोटा आदमी हूं। उन्होंने फेसबुक और ट्विटर पर अपना नाम बदलकर ‘छोटा आदमी’ कर लिया। सीएम के बाद सभी कांग्रेस नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर अपना बदल लिया है।
आइए आपको बतादें सीएम बघेल ने रमन को क्या जवाब दिया-
हां, मैं छोटा आदमी हूं.
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी ने एक राजनीतिक कैंपेन के सवाल पर कहा है कि मैं छोटा आदमी हूं, छोटे मन से मैं छोटी छोटी हरकतें करता रहता हूं. मैंने मीडिया की ओर से जारी वीडियो पर इसे देखा।
वे वरिष्ठ हैं राजनेता हैं. उम्र में मुझसे बहुत बड़े हैं. सांसद रहे, केंद्र में मंत्री रहे, 15 वर्षों तक छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री रहे तो ज़ाहिर है कि ‘बड़े आदमी’ बन गए हैं. मैं उनके ‘बड़ेपन’ को प्रणाम करता हूं।
मैं स्वीकार करता हूं कि मैं छोटा आदमी हूं. किसान का बेटा हूं. खेत खलिहानों में काम-काज करते और साथ में पढ़ाई करते बड़ा हुआ हूं। हल चलाया, ट्रैक्टर चलाया, निंदाई की और धान काटकर मिंजाई की है. मंडी में जाकर धान बेचा है. लोगों के साथ संघर्ष करते करते राजनीति में आया तो भी मेरी राजनीति समाज के उस वर्ग से जुड़ी रही जो दबे थे, कुचले थे, जो ज़रूरतमंद थे।
पढ़ें- सीएम बघेल का बड़ा बयान, कहा- जिनका प्रवेश नहीं हुआ है, पहले काम करे…
पिछले चुनाव के बाद जनता ने कांग्रेस को बहुमत दिया. मुझे मेरी पार्टी ने मुख्यमंत्री का पद संभालने का मौक़ा दिया तो भी मेरी सरकार ने उन पर ही ध्यान दिया जो पिछले बरसों में उपेक्षा के सबसे अधिक शिकार थे. हमने सबसे पहले किसानों का कर्ज़ माफ़ किया, फिर किसानों को प्रति क्विंटल धान के लिए 2500 रुपए का मूल्य दिलवाया, हमने बस्तर के लोहांडीगुड़ा के आदिवासियों की ज़मीनें लौटा दीं जो उद्योग के नाम पर हड़प ली गई थीं. हमने तेंदूपत्ता मज़दूरों की मज़दूरी बढ़ा दी. हमने हर परिवार को 35 किलो चावल देने का फ़ैसला किया. हमने सात की जगह 15 लघु वनोपजों को समर्थन मूल्य के दायरे में लाने का फ़ैसला किया. हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने के लिए ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी’ की परियोजना पर काम कर रहे हैं।
पढ़ें- रामविचार नेताम पर कांग्रेस का पलटवार, ‘कुत्ता’ वाले बयान पर कहा- जि…
अगर किसानों को लाभ पहुंचाना, आदिवासियों को न्याय दिलाना छोटे मन की छोटी हरकत है, तो मुझे अपना छोटापन मंज़ूर है। मैं सौ बार छोटा होकर ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों और आदिवासियों के पक्ष में खड़ा होकर छोटा होना पसंद करुंगा. मुझे एक बार भी धनपतियों के पक्ष में खड़ा होकर दबे कुचले लोगों का शोषण कर बड़ा बनना मंज़ूर नहीं है।
पढ़ें- सीएम बघेल का ‘छोटा आदमी’ वाले बयान पर तंज, कहा- आप बड़े आदमी बन गए …
मेरी राजनीतिक और सामाजिक सोच आमजन के साथ है. कुछ चुनिंदा ठेकेदारों, धनपतियों और उद्योगपतियों के साथ नहीं. अगर ऐसी सोच से कोई व्यक्ति छोटा होता है, तो मुझे आजीवन छोटा रहना मंज़ूर है. मुझे ईश्वर ऐसा बड़प्पन कभी न दे जो मुझे अपने संघर्ष के दिनों के साथियों को भुला दे, अपने राज्य के दबे कुचले, पीड़ित और शोषित लोगों की सुध लेने से रोक दे।