बैतूल : जिले की घोड़ाडोंगरी ब्लाक महिलाओं ने असंभव को संभव कर दिखाया है। जो महिलाएं कभी सिर्फ घर के काम करके पति या अन्य़ सदस्यों की कमाई पर निर्भर रहती थी।आज खुद के हुनर के दम पर आगे बढ़ रही हैं।ये महिलाएं मध्यप्रदेश आजीविका मिशन के माध्यम से संचालित होने वाली स्वसहायता समूह चला रही हैं।आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाएं साबुन ,अगरबत्ती बनाना, कपड़े सिलना और सेनेटरी नेपकिन का निर्माण कार्य बड़ी कुशलता से कर रही हैं। ये महिलाएं अपनी मेहनत से अच्छी कमाई भी कर रही हैं। स्कूली बच्चों की यूनिफॉर्म बनाने से लेकर पहुंचाने तक का काम इन समूहों को माध्यम से होता है।
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घोड़ाडोंगरी ब्लॉक की महिलाओं को शासन की तरफ से मदद मिली है। अधिकारियों की कोशिशें रंग लाई और घरेलू कामकाजी महिलाओं को स्व सहायता समूह के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का जोस बीड़ा उन्होंने उठाया वो सफल हुआ । कभी घर की चार दीवारी में तंगहाली से गुजरने वाली महिलाएं अब खुद ही ऋण देकर दूसरों की जरूरतों को पूरा करती हैं । आज वे इस काबिल है कि दूसरों को रोजगार दे रही हैं। महिलाओं को शासन की तरफ से और मदद की भी दरकार है,ताकि प्रशिक्षण के साथ ही वे अपने कामों को और आगे बढ़ा सकें ।