इंदौर। लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने कड़े दिशा-निर्देश के साथ ही सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समय पर काम पूरा करने की कवायद तेज कर दी है। ईवीएम पर कड़ी नजर रखने के लिए मशीनों को लाने-ले जाने वाले सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में 735 वाहनों को चिन्हित किया है। जिसमें से 551 वाहनों का उपयोग किया जाएगा।
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दरअसल ईवीएम और वीवीपैट मशीन के मूवमेंट की जीपीएस सिस्टम से ट्रैकिंग की जाएगी। इन मशीनों का परिवहन जिन वाहनों में किया जाएगा, उनमें जीपीएस अनिवार्य रूप से लगाया जा रहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने निर्देश पर ईवीएम और वीवीपैट की ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे। सभी सेक्टर के अधिकारी मतदान समाप्ति के बाद ईवीएम और वीवीपैट अपने क्षेत्र के सहायक रिटर्निंग अधिकारी से सत्यापित कराकर उसी दिन निर्धारित प्रारूप में जानकारी देकर जमा कराएं। इस दौरान ईवीएम मशीनों को ट्रैक करने के लिए इन्हें लाने-ले जाने वाले सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा और उसके मूमेंट की मॉनिटरिंग की जाएगी।
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इंदौर में कुल 9 विधानसभा है, लेकिन महू विधानसभा धार संसदीय क्षेत्र में आता है, ऐसे में कुल 735 वाहनों को चिन्हित किया गया है। जिसमें करीब 150 वाहनों को रिजर्व में रखा गया है। हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम और वीवीपैट मशीन को लेकर ढेरों शिकायतें आयोग को मिली थी, ऐसे में इस बार के चुनाव के लिए हेल्पलाइन नंबर 1950 भी जारी किया गया है। चुनाव आयोग की कोशिश है कि आम चुनावों से पहले सभी स्थानों पर मशीनें सही तरीके से पहुंचाई जा सके। मशीनों को कोई बाधा न आएं, इसके लिए जिला अधिकारियों को पहले स्तर की चेकिंग और ट्रेनिंग भी मुहैया कराई जा रही है।