भोपाल। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही मध्यप्रदेश में टिकट के लिए नेता जोर लगा दिए हैं। बीजेपी कांग्रेस को परिवारवाद के लिए कठघरे में खड़ी करती है। अब उसी के घर में नेता अपनों के लिए टिकट की लाबिंग कर रहे हैं। हालांकि राजनीति में परिवारवाद कोई नई बात नहीं है। लेकिन जिस तरह से बीजेपी के नेता अपनों के लिए लिए टिकट की मांग कर रहे हैं।
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मध्य प्रदेश में खिसकती जमीनी बचाने के लिए बीजेपी ने जिन नेताओं को लोकसभा चुनाव जिताने की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं नेता खुद या परिवार के सदस्य को टिकट दिलाने की तैयारी में जुट गए हैं। प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर मंत्रणा करने के लिए हुई बैठक में आम कार्यकर्ता के बजाय नेताओं की खुद की दावेदारी ज्यादा दिखी। पूर्व कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने अपनी बेटी मौसम बिसेन का नाम आगे बढ़ाया। उनका तर्क था कि मौसम पिछली बार भी बालाघाट से टिकट की दौड़ में थी। तो वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बेटे अभिषेक को सागर से टिकट देने की वकालात की है। नेता प्रतिपक्ष का तर्क है कि अभिषेक 14 साल से राजनीति से जुड़े हैं
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इधर, बैठक में शामिल वर्तमान सांसदों ने खुले तौर पर एक बार फिर खुद की दावेदारी ठोकी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि वो चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। तो वहीं बैठक में शामिल केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का चुनाव लड़ना पहले से ही तय है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के चुनाव लड़ने की अटकलें भी तेज हैं। हालांकि पार्टी तर्क देती रही कि हम सिर्फ सुझाव ले रहे हैं और मंथन कर रहे हैं। आखिरी फैसला केंद्र ही करेगा।