भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद लोकसभा फतह की तैयारी में लोकसभाओं के प्रभारी बनाए गए नेताओं ने कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। पार्टी ने जिन प्रभारियों को लोकसभा जीत से लेकर दावेदारों का पैनल तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। ऐेसे लोकसभा प्रभारियों ने उल्टे खुद ही चुनाव लड़ने की दावेदारी ठोक दी है।
कांग्रेस के 29 लोकसभा प्रभारियों में से करीब आधे प्रभारी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। लोकसभा प्रभारियों की इस सक्रियता से पार्टी के अंदरूनी समीकरण गड़बड़ा गए हैं। सूत्रों की मानें तो लोकसभा प्रभारियों में से रामेश्वर नीखरा, सुरेंद्रनाथ ठाकुर, प्रतापभानु शर्मा, आनंद अहिरवार, प्रभुसिंह ठाकुर, निशंक जैन, सविता दीवान, राजकुमार पटेल, चंद्रिका प्रसाद, अर्चना जायसवाल, नरेश सर्राफ आदि नेता चुनाव लड़ने के इच्छुक बताए जा रहे हैं।
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रामेश्वर नीखरा और सविता दीवान होशंगाबाद से दावेदारी कर रहे हैं तो सुरेंद्रसिंह ठाकुर भोपाल से टिकट की चाह रख रहे हैं। प्रतापभानु शर्मा, निशंक जैन और राजकुमार पटेल की नजर विदिशा पर है जबकि प्रभुसिंह सागर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। अर्चना जायसवाल इंदौर से दावेदारी ठोक रही हैं। कांग्रेस के इस हाल पर बीजेपी हमला कर रही है कि कांग्रेस में संगठन नाम की चीज ही नहीं क्योंकि कांग्रेस में कार्यकर्ता पार्टी के नहीं नेताओं के होते हैं। वहीं कांग्रेस का दावा है कि लोकसभा प्रभारियों में एक-दुक्का ही टिकट मांग रहे हैं।