भोपाल। भावांतर के भंवर में फंसी मध्यप्रदेश सरकार खुले बाजार से कर्ज लेने की तैयारी में है.कर्ज की राशि भी कोई छोटी नहीं बल्कि पूरे 5 हजार करोड़ रुपए है.
दरअसल भावान्तर भुगतान योजना को सरकार ने अधूरी तैयारी के साथ लागू तो कर दिया. पर सरकारी खजाने के खस्ता हाल के चलते अब सरकार को कर्ज लेने की नौबत आ पड़ी है. ऐसे में योजना को लेकर सियासत भी गरमाई हुई है।
मध्य प्रदेश सरकार ने भावांतर योजना के तहत किसानों को भुगतान के लिए दिसंबर तक कर्ज लेने की तैयारी कर ली है. वैसे सरकार इस साल अब तक नौ हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है.
ये भी पढ़ें-उपचुनाव की गहमागहमी से मध्यप्रदेश की राजधानी बना चित्रकूट
जीएसटी के बाद टैक्स कलेक्शन में आई कमी के बाद सरकार को एक बार फिर बाजार से 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेना पड़ रहा है. भाजपा इसे किसानों को भंवर से निकालने के लिए उठाया गया कदम बता रही है।
ये भी पढ़ें- चित्रकूट में आज थम जाएगा विधानसभा उपचुनाव का प्रचार
दरअसल प्रदेश सरकार को किसानों को भुगतान करने के लिए लगभग चार हजार करोड़ की जरुरत है. साथ ही विकास कार्यों के लिए भी सरकार के पास बजट की कमी है. सरकार के मुताबिक़ तय सीमा के अंदर ही सरकार कर्ज ले रही है. वहीं, सरकार के इतने बड़े कर्ज को लेकर कांग्रेस सवाल उठा रही है।
ये भी पढ़ें- अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी को कांग्रेस ने जारी किया नोटिस
साल 2003 में दिग्विजय शासनकाल में मप्र सरकार पर 3300 करोड़ का कर्ज था। साल 2013 में फिर से भाजपा सरकार के गठन पर ये कर्ज बढ़कर 91 हजार करोड़ पहुंच गया है। अब ये आंकड़ा डेढ़ लाख करोड़ रुपए के पार हो चुका है. यही वजह है कि भावान्तर योजना पर सवाल उठाने वाला विपक्ष सरकार के कर्ज लेने पर भी प्रश्न खड़े कर रहा है।
वेब डेस्क, IBC24
वेब डेस्क, IBC24
Deputy CM Vijay Sharma की सुरक्षा में बड़ी चूक PG…
11 hours agoपहले चरण में इन सीटों पर फसा पेंच | भाजपा…
11 hours agoएक ऐसा परिवार जो सुअर बेचकर लड़ता हैं चुनाव, कैसे…
12 hours ago