नहीं रहे भारत माता मंदिर के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि, बुधवार को दी जाएगी समाधि | mahamandaleshwar swami satyamitranand giri passed away today

नहीं रहे भारत माता मंदिर के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि, बुधवार को दी जाएगी समाधि

नहीं रहे भारत माता मंदिर के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि, बुधवार को दी जाएगी समाधि

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : June 25, 2019/10:37 am IST

नई दिल्ली: हरिद्वार स्थित भारत माता मंदिर के संस्थापक निवृतमान शंकराचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि का मंगलवार सुबह निधन हो गया।  हरिद्वार स्थित भारत माता मंदिर ट्रस्ट के राघव कुटीर में बुधवार को उन्‍हें समाधि दी जाएगी। सत्यमित्रानंद गिरि 87 वर्ष के थे। बताया गया कि वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बता दें कि उन्हें भारत सरकार ने 2015 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था।

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स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि का जन्म 19 सितंबर, 1932 को आगरा में हुआ था। उनका परिवार मूलत: उत्तरप्रदेश के सीतापुर का निवासी था। स्वामीजी को बचपन से ही अध्यात्म और धर्म-कर्म के कामों में रूचि रही थी। इसी के चलते वे बहुत ही कम उम्र में सन्यास लेकर आध्यात्म की राह में चल पड़े थे। संन्यास से पहले वे अंबिका प्रसाद पांडेय के नाम से जाने जाते थे। उनके पिता शिवशंकर पांडेय को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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स्वामी सत्यमित्रानंद गिरिजी जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के गुरु थे। सत्यमित्रानंद गिरि ने साल 1983 में हरिद्वार में भारत माता मंदिर की स्थापना की थी। 87 साल की उम्र में उन्होंने 65 देशों की यात्रा की थी। 29 अप्रैल 1960 अक्षय तृतीया के दिन 26 वर्ष की आयु में ज्योतिर्मठ भानपुरा पीठ पर जगद्गुरु शंकराचार्य पद पर उन्हें प्रतिष्ठित किया गया।

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स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि ने भानपुरा पीठ में लगभग 9 साल तक शंकराचार्य के तौर पर धर्म और मानव की सेवा की। इसके बाद उन्होंने 1969 में स्वयं को शंकराचार्य पद से मुक्त कर लिया था।