सूती कपड़े से ढ़ककर महाकाल की भस्म आरती, नए नियम लागू | makhakal bhasm aarti performed by new rules

सूती कपड़े से ढ़ककर महाकाल की भस्म आरती, नए नियम लागू

सूती कपड़े से ढ़ककर महाकाल की भस्म आरती, नए नियम लागू

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : October 28, 2017/6:09 am IST

उज्जैन। महाकाल ज्योतिर्लिंग को क्षरण से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश पर आज से नए नियम लागू कर दिए गए। महाकाल की भस्म आरती आज पूरे शिवलिंग को सूती कपड़ा से ढ़क कर की गई। इसके अलावा पंचामृत अभिषेक की मात्रा भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार ही तय की गई। जलाभिषेक में पहली बार आरओ वाटर का इस्तेमाल किया गया।

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मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग के क्षरण को देखते हुए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को संज्ञान में लेते हुए विशेषज्ञों की टीम बनाकर जांच के आदेश दिए थे।

इस टीम में पुरातात्विक विशेषज्ञ, भूवैज्ञानिक भी शामिल थे। इसी विशेषज्ञ टीम ने अपनी रिपोर्ट में कुछ सुझाव दिए थे। इन सुझावों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नए नियम तत्काल प्रभाव से अमल में लाने के निर्देश दिए, जिनके तहत आज सुबह से पूजा शुरू हो गई।

नए नियमों के तहत महाकाल का जलाभिषेक सिर्फ आरओ वाटर से किया जाना है और श्रद्धालु आधा लीटर से ज्यादा जल नहीं चढ़ा पाएंगे। भस्म आरती के दौरान ज्योर्तिलिंग सूखे सूती कपड़े से पूरी तरह ढका जाना है। दूध, पंचामृत भी तय मात्रा में ही अर्पित की जानी है।

शिवलिंग पर चीनी पाउडर लगाने पर पाबंदी होगी और श्रद्धालुओं को खांडसारी के इस्तेमाल के लिए कहा जाना है। गर्भगृह में नमी नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त ड्रायर और पंखे लगाए जाएंगे और बेलपत्र व फूल-पत्ती शिवलिंग के ऊपरी भाग में अर्पित किए जा सकेंगे। शाम 5 बजे के बाद अभिषेक पूरा होने पर शिवलिंग की पूरी सफाई होगी और इसके बाद सिर्फ सूखी पूजा होगी।

 

वेब डेस्क, IBC24

 
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